#ShikaraReview : कश्मीरी पंडितों का दर्द बयां करती 'शिकारा'

Friday, Feb 07, 2020 - 01:22 PM (IST)

फिल्म: शिकारा (Shikara)
स्टारकास्ट: आदिल खान (Aadil Khan), सादिया खान (Sadia Khan)
डायरेक्टरः विधु विनोद चोपड़ा (Vidhu Vinod Chopra)
रेटिंग: 4 स्टार/5*

नई दिल्ली। 19 जनवरी 1990, एक ऐसा काला दिन जब कश्मीर की खूबसूरत वादियों में कुछ ऐसा हुआ कि जन्नत मानी जाने वाली ये घाटी हिंसा से सुलग उठी। जी हां, ये वही दिन था जब लाखों कश्मीरी पंडितों को उनके घरों से बाहर ढकेल रिफ्यूजी की जिंदगी जीने पर मजबूर कर दिया गया। उस मार्मिक घटना को पर्दे पर उतारने के लिए विधु विनोद चोपड़ा द्वारा निर्देशित फिल्म 'शिकारा' आज सभी सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है। ये फिल्म कश्मीर में पंडितों के साथ हुए अन्याय की कहानी को बहुत ही बेहतरीन और भावपूर्ण तरीके से बयां करती है। ये फिल्म न सिर्फ लोगों के सामने देश के उस काले सच को रखती है बल्कि कई सवाल भी उठाती है जिसमें सबसे बड़ा सवाल है कि क्या हमारी सरकार अब कश्मीरी पंडितों को इंसाफ दिला पाएगी? ये कहना गलत नहीं होगा कि काफी लंबे समय बाद बॉलीवुड में इस तरह की फिल्म देखने को मिली है जो सही मायनों में सिनेमा के अस्तित्व को जस्टिफाई करती है। इसके साथ आपको हम ये भी बता दें कि विधु विनोद चोपड़ा ने इस फिल्म अपनी मां शांति को समर्पित किया है। अगर आप भी फिल्म 'शिकारा' देखने का प्लान कर रहे हैं तो उससे पहले पढ़ें ये मूवी रिव्यू...

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

30 years ago, India’s paradise got marred with violence that left it divided. Year 1990 saw the ethnic cleansing and biggest forced migration in post-independence era. Witness the untold story of Kashmiri Pandits in Shikara. #Shikara In Theatres Now! Book your tickets now Paytm: https://m.p-y.tm/skra Book My Show: https://bookmy.show/Shikara #HumWapasAayenge #VidhuVinodChopra @foxstarhindi

A post shared by Vidhu Vinod Chopra Films (@vidhuvinodchoprafilms) on Feb 6, 2020 at 8:34pm PST

झंकझोर देने वाली 'कहानी' (Story of Shikara)
फिल्म की कहानी है शिव कुमार धर (Aadil Khan) और उसकी पत्नी शांति (Sadia Khan) की जो कश्मीर की खूबसूरत वादियों में एक खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं। काफी मेहनत करके दोनों वहां पर एक प्यारा सा अपना एक घर बनाते हैं और उसका नाम रखते हैं 'शिकारा'। जहां एक तरफ वो अपनी शादीशुदा जिंदगी में खुशी से जी रहे होते हैं वहीं दूसरे तरफ घाटी में सांप्रदायिक हिंसा जन्म ले लेती है। ये हिंसा इतनी बढ़ जाती है कि कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़कर जाने के लिए धमकाया जाने लगता है। अगर कोई कश्मीरी पंडित वहां नजर आ जाता है तो उसका घर जला दिया जाता है। घाटी में लगातार बढ़ रहा ये तनाव कश्मीरी पंडितों के सामने सिर्फ दो ही विकल्प छोड़ता है- या तो वो कश्मीर से हमेशा के लिए दूरी बनाकर अपनी जिंदगी बचाते या फिर वहां हो रही सांप्रदायिक हिंसा का शिकार बनते। आखिरकार शिव और शांति मजबूरी में अपने सपनों का घर छोड़कर रिफ्यूजी की जिंदगी जीने लगते हैं। अब रिफ्यूजी बनने के बाद ये दोनों किन-किन परिस्थितियों से गुजरते हैं और इनके साथ क्या होता है ये आप फिल्म देखकर महसूस कर सकते हैं।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

In 1990, more than 4,00,000 Kashmiri Pandits were forced to leave their home. 30 years later, their story will finally be told. Watch Shikara official teaser 2: http://bit.ly/ShikaraTeaser2 #HumWapasAayenge #Shikara #VidhuVinodChopra #Shikara @foxstarhindi

A post shared by Vidhu Vinod Chopra Films (@vidhuvinodchoprafilms) on Feb 3, 2020 at 10:06pm PST

बेहतरीन 'एक्टिंग' (Acting)
स्टार परफॉर्मेंस की बात करें तो इस फिल्म से डेब्यू करने वाले आदिल खान और सादिया खान शिव और शांति के किरदार में काफी नेचुरल और फिट लगे हैं। दोनों की जोड़ी पर्दे पर बहुत ही आकर्षक लगी है। दोनों ने अपने किरदार को पूरी ईमानदारी से पर्दे पर जिया है। डेब्यूटेंट होने के कारण दोनों के चेहरे पर मासूमियत और फ्रेशनेस साफ देखने को मिलती है। कुछ सीन तो ऐसे हैं जहां सादिया की मुस्कान आपके दिलों को जीत लेगी और वो मुस्कुराहट बनकर आपके चेहरे पर देखने को मिलेगी। सपोर्टिंग एक्टर्स की बात करें तो सभी ने अपने किरदार को बखूबी निभाया है।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

This film crew was given only 2 hours to shoot a scene in a volatile district of Kashmir. How did they pull it off? Watch Shikara Diaries: http://bit.ly/ShikaraDiaries #ShikaraDiaries #VidhuVinodChopra #Shikara @foxstarhindi #Srinagar #Shoot #FilmShoot #AmiraKadal #Kashmir #ShootDiaries #BehindTheScenes

A post shared by Vidhu Vinod Chopra Films (@vidhuvinodchoprafilms) on Feb 2, 2020 at 10:58pm PST

दमदार 'डायरेक्शन' (Direction)
इस फिल्म को देखकर साफ पता चलता है कि ये कहानी डायरेक्टर विधु विनोद चोपड़ा के कितने करीब है। अपनी फिल्म के लिए इस सब्जेक्ट को चुनने का साहस करना ही अपने आप में एक बहुत बड़ी कामयाबी है। सांप्रदायिक तनावपूर्ण माहौल के बीच एक प्यारी सी लव स्टोरी को दिखाकर विधु विनोद चोपड़ा ने फिल्म को और भी प्रभावशाली और खूबसूरत बना दिया है। 30 साल पहले वर्ष 1990 में कश्मीर घाटी में कश्मीरी पंडितों के साथ हुए उस अन्याय को विधु विनोद चोपड़ा ने बेहद मार्मिक तरीके से पर्दे पर दिखाया है। फिल्म के सभी किरदारों को एक साथ सही तरह से बुनने में वो कामयाब रहे हैं। फिल्म की सबसे खास बात है कि फिल्म होने के बावजूद विधु विनोद चोपड़ा ने उसमें वास्तविकता और संवेदनशीलता को बरकरार रखा है। इस फिल्म की कहानी और स्क्रीनप्ले को हकीकत के करीब दिखाने की बेहतरीन कोशिश की गई है। फिल्म को देखने के बाद तो हम यही कह सकते हैं कि इस कहानी को इतने बेहतरीन तरीके से पर्दे पर उतारना विधु विनोद चोपड़ा के लिए आसान नहीं रहा होगा।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

More than 4,00,000 Kashmiri Pandits were forced to leave their homes on 19th January, 1990. 30 years later, they tell their own stories on the sets of Shikara - The Untold Story of Kashmiri Pandits. Watch #ShikaraTrailer now: http://bit.ly/ShikaraOfficialTrailerVVC #VidhuVinodChopra #Shikara @arrahman @foxstarhindi

A post shared by Vidhu Vinod Chopra Films (@vidhuvinodchoprafilms) on Jan 16, 2020 at 11:16pm PST

इमोशन से भरा 'म्यूजिक' (Music)
म्यूजिक की बात करें तो फिर चाहे गानें हों या फिर फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर (Background Score), ए आर रहमान (A. R Rahman), कुतुब-ए-कृपा (Qutub-E-Kripa), अभय सपोरी, रोहित कुलकर्णी और संदेश शांडिल्य (Sandesh Shandilya) अपने म्यूजिक के जरिए लोगों के दिलों में जगह बनाने में कामयाब रहे हैं। ये म्यूजिक न सिर्फ फिल्म को पूरी तरह से सपोर्ट करता है बल्कि फिल्म में जान फूंक देता है। 'ऐ वादी शहजादी' (Aye Waadi Shehzadi), 'घर भरा सा लगे' (Ghar Bhara Sa Lage) और 'मार जाएं हम' (Mar Jaayein Hum) गाने और इरशाद कामिल (Irshad Kamil) द्वारा लिखे गए इनके लिरिक्स (Lyrics) जैसे आपकी आत्मा को छू लेते हैं और आपकी आंखें नम कर जाते हैं।

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

One night that changed everything in the lives of more than 4,00,000 Kashmiri Pandits. Witness their untold story. Watch #ShikaraTrailer here: http://bit.ly/shikaraonhotstar #VidhuVinodChopra #Shikara @arrahman @foxstarhindi @hotstar

A post shared by Vidhu Vinod Chopra Films (@vidhuvinodchoprafilms) on Jan 12, 2020 at 9:44pm PST

मजबूत 'तकनीकि पक्ष' (Technical Side)
फिल्म का तकनीकि पक्ष न सिर्फ इसे और भी मजबूत करता है। फिल्म में कश्मीर की खूबसूरती को बहुत ही उम्दा तरीके से दिखाया गया है। इसके अलावा बाकी प्रोडक्शन डिजाइन जैसे रिफ्यूजी कैंप की भी बात करें तो वो भी काबिले तारीफ है। फिल्म में रंगराजन राम भदरण द्वारा किया गया कैमरा वर्क फिल्म को एक अलग ही लेवल पर ले जाता है। फिल्म में की गई एडिटिंग का बेहतरीन असर साफ दिखाई देता है।

बहुत कुछ है खास

  • ये हमारे इतिहास का वो काला और कड़वा सच है जिससे सभी को रूबरू होना चाहिए।
  • अगर आप कश्मीरी पंडितों के वर्ष 1990 के उस दर्द को महसूस करना चाहते हैं तो ये फिल्म देखना बनता है।
  • ये फिल्म न सिर्फ एक सच्ची कहानी को हमारे सामने रखती है बल्कि इतिहास में घटी इस घटना पर कई सवाल भी खड़े करती है।
  • फिल्म में कश्मीरी की खूबसूरती को बहुत ही बेहतरीन तरीके से दिखाया गया है।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

The story of Daisy Bhat is one amongst the 4 lakh Kashmiri Pandit refugees living in exile, still waiting to go back home. Watch #ShikaraTrailer now: http://bit.ly/ShikaraOfficialTrailer #HumWapasAayenge #VidhuVinodChopra #Shikara @foxstarhindi

A post shared by Vidhu Vinod Chopra Films (@vidhuvinodchoprafilms) on Jan 25, 2020 at 9:36pm PST

क्यों न देखें

  • अगर आप सीरियस सब्जेक्ट पर फिल्में देखना पसंद नहीं करते हैं तो ये फिल्म आपके लिए नहीं है।
  • अगर आप सिर्फ एंटरटेनमेंट के लिए फिल्म देखना चाहते हैं तो आप दूसरी फिल्म का ऑप्शन तलाश सकते हैं।

Source : Navodaya Times

Chandan

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