रहस्य बनकर रह गई शेल्टर होम से लापता हुईं 9 लड़कियां

Monday, Jan 07, 2019 - 11:27 AM (IST)

नई दिल्ली(नवोदय टाइम्स): 3 दिसम्बर को एकाएक सूचना आई कि दिल्ली के संस्कार आश्रम शेल्टर होम से 9 लड़कियां गायब हो गईं। ये वो लड़कियां थीं जिन्हें ऐसे जिस्म के बाजार से छुड़ा कर इस शेल्टर होम में रखा गया था ताकि इनकी जिंदगी के साथ साथ इनकी अस्मत भी सुरक्षित रहे, लेकिन अब क्या ये सुरक्षित हैं इसी पर सवाल खड़ा हो गया है। मामले में पहले लोकल पुलिस ने जांच की और अब क्राइम ब्रांच इसकी जांच कर रही है। लेकिन क्या जांच हुई इसका पता नहीं है। 



क्या हुआ था उस रात जब गायब हुई लड़कियां
आश्रम के सीसीटीवी फुटेज में साफ है कि ये लड़कियां छत के दरवाजे के सहारे बाहर निकली थीं, लेकिन कैंपस में उतरीं उसके बाद कहा गई इसका पता नहीं। आश्रम का दावा है ये लड़कियां जानबूझकर भागी हैं। लेकिन सवाल ये है कि 8 फीट की दीवार को ये लड़कियां कैसे फांद गई जबकि इनमें 5 लड़कियां नाबलिग थीं। यही नहीं दीवार के साथ बाहरी नाला भी है जिसे पार करना आसान नहीं है, उसके बावजूद लड़कियां कैसे निकल गई। 



कहां गुम हो जाती हैं लड़कियां 
राजधानी में महिला सुरक्षा रिकार्ड बेहद खराब है। आपको जानकार हैरानी होगी कि दिल्ली में औसतन 3 लड़कियां गायब हो जाती हैं जिनका पता नहीं चल पाता है। ये रिकार्ड पुलिस का उन दर्ज आंकड़ों का है, जबकि अधिकांश गुमशुदगी के ऐसे भी केस होते हैं जो दर्ज तक नहीं किए जाते। गत वर्ष ही पुलिस रिकार्ड के तहत 721 लड़कियों की गुमशुदगी दर्ज की गइ्र्र जिनमें से महज 37 लड़कियों की ही बरामदगी हो सकी । साफ है कि गुमशुदा हुई लड़कियों को खोजने में  पुलिस का रिकार्ड अच्छा नहीं है। 




फिलहाल लड़कियों का कोई सुराग नहीं

  • पुलिस का दावा है कि गायब हुई लड़कियों के मामले में क्राइम ब्रांच के अलावा 2 अन्य टीमें लगाई गई हैं लेकिन इन टीमों ने क्या किया इसका कोई अता पता नहीं है। 
  • मामले में दिल्ली पुलिस ने नेपाल एम्बेंसी को पत्र लिखा है और उन लड़कियों के बारे में जानकारी 
  • मांगी है। 
  • मामले में केवल अब 12 लोगों से पूछताछ की गई है, जिनसे कोई सुराग नहीं मिला है। 
  • मामले में में पूर्व जीबी रोड के कोठे संचालक सहित ऐसी जगह जहां पर उन्होंने काम किया है उसकी भी जांच की गई है, इसमें कोई सुराग नहीं मिला है। 
  • पुलिस ने अपनी जांच में ये भी बताया है कि ये लड़कियां अभी तक अपने घरों में भी नहीं पहुंची हंै। 
  • सीसीटीवी और पूछताछ से भी कुछ हासिल नहीं 


जब सवालों के घेरे में शेल्टर होम तो क्यों नहीं बंद
सवाल ये हैकि ये शेल्टर होम पहले से ही विवादों में रहा है और अब 9 लड़कियों के मामले में इस शेल्टर की भूमिका संदिग्ध है तो उसके बाद भी ये बखूबी चालू है। आखिर क्यों? इसका जवाब किसी सरकार और एजेंसी के पास नहीं है। पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक ही शेल्टर के विजिटर रजिस्ट्रर में आने वाले लोगों की पूर्ण एंट्री नहीं की जाती थी, यही नहीं यहां कोई भी व्यक्ति कभी भी परिचय देकर यहां की लड़कियों से मिल सकता है, जबकि नियमत: ऐसा नहीं होता। इसके अलावा इस शेल्टर होम में कोई भी व्यक्तिकभी भी आ जा सकता है। ऐसा क्यों है? इस पर अभी तक जवाब नहीं मिले हैं। 

क्या ये कारण तो नहीं!
दिल्ली महिला आयोग की रिपेार्ट के तहत शेल्टर होम में महिलाओं के साथ दुव्र्यवहार किया जाता है, उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी कोई नहीं लेता है। यही नहीं यहां पर उन्हें बेसहारा की तरह रखा जाता है, समय पर खाना भी नहीं मिलता है। शायद यही वजह तो नहीं कि इन लड़कियों ने ये कदम उठाया हो। वे जानबूझकर ऐसी जगह चली गई हों जहां उन्हें रोजगार के साथ कुछ जीवन यापन के लिए मिले। या फिर ये भी बड़ा कारण हो सकता है कि उन्हें मानव तस्करी के तहत कहीं भेज दिया गया हो। फिलहाल मामले की जांच पुलिस कर रही है और पुलिस दोनों संभावनाओं से इंकार नहीं करती। पुलिस का कहना है कि इस मामले में जांच पूरी हो जाए उसके बाद ही इस पर पूर्ण बयान जारी किया जाएगा।  

Anil dev

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