सीमा पर आतंकवादियों पर साझा कार्रवाई करेंगे भारत-म्यांमार

Monday, Aug 29, 2016 - 08:16 PM (IST)

नई दिल्ली: भारत और म्यांमार ने एक दूसरे की संप्रभुता एवं प्रादेशिक अखंडता का सम्मान करते हुए अपनी धरती से दूसरे के विरुद्ध किसी भी प्रकार की आतंकवादी एवं हिंसक गतिविधियां चलाने की अनुमति नहीं देने का संकल्प जताया है और ऐसी गतिविधियों के खिलाफ मिलकर कार्रवाई करने पर सहमति व्यक्त की है।   

दोनों देशों ने एक दूसरे के रणनीतिक हितों एवं चिंताओं के प्रति संवेदनशील रहने की प्रतिबद्धता के साथ अपनी 1600 किलोमीटर से अधिक लंबी सीमा पर शांति, सुरक्षा और स्थिरता कायम रखने के लिये सीमा प्रहरियों एवं सुरक्षा बलों के बीच सहयोग बढ़ाने की आवश्यकता को स्वीकार किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की यात्रा पर आये म्यांमार के राष्ट्रपति यू तिन के साथ हैदराबाद हाउस में करीब दो घंटे चली द्विपक्षीय बैठक में यह फैसला लिया गया। 

बैठक के बाद प्रधानमंत्री ने अपने प्रेस वक्तव्य में कहा, हम मानते हैं कि हमारे सुरक्षा हित एक दूसरे के हितों से जुड़े हैं। हमें एक दूसरे के रणनीतिक हितों एवं चिंताओं को लेकर संवेदनशील रहने की जरूरत है। इसलिये राष्ट्रपति और मैं हमारे लोगों की सुरक्षा के लिये मिलकर काम करने तथा आतंकवाद की चुनौती एवं उग्रवादी गतिविधियों की साझा चुनौतियों से मुकाबले में सक्रिय सहयोग करनेे पर पूर्ण रूप से सहमत हैं। शाम को मेहमान नेता के राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मुलाकात के बाद दोनों देशों की सरकार द्वारा जारी संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि दोनों पक्ष द्विपक्षीय सुरक्षा एवं प्रतिरक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने की प्रतिबद्धता दोहराते हैं जो भारत म्यांमार सीमा पर शांति एवं स्थिरता कायम रखने के लिये अहम हैं। 

दोनों पक्ष आतंकवाद एवं उग्रवादी गतिविधियों की बुराई से उसके हर रूप में संघर्ष करने की साझा प्रतिबद्धता व्यक्त करते हैं। वक्तव्य में दोनों पक्षों ने एक दूसरे की संप्रभुता एवं प्रादेशिक अखण्डता का सम्मान करने तथा किसी भी आतंकवादी या उग्रवादी समूह को अपनी धरती से दूसरे को नुकसान पहुँचाने वाली किसी भी गतिविधि को अनुमति नहीं देने की नीति को बरकरार रखने के अपने संकल्प को दोहराया। दोनों देशों ने इस बात पर जोर दिया कि समग्र विकास के लिये यह बहुत जरूरी है कि सुरक्षा बलों एवं सीमा प्रहरियों के बीच सहयोग बढ़ाया जाये ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुरक्षा एवं स्थिरता रहे। 

 
दोनों पक्षों ने इसके लिये सीमा प्रबंधन को अधिक पुख्ता बनाने तथा बंगाल की खाड़ी में समुद्री सुरक्षा को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए समुद्री सहयोग को भी बढ़ाने पर बल दिया। मोदी ने अपने वक्तव्य में म्यांमार को उसके कृषि, उद्योग एवं आधारभूत ढांचे का विकास, शिक्षा एवं कौशल विकास, नये संस्थानों के निर्माण एवं पुराने संस्थानों को सशक्त बनाने, सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक विकास के जरिये एक आधुनिक राष्ट्र के निर्माण के लिये भी भारत के पूर्ण सहयोग का भरोसा दिलाया। 
 
उन्होंने कहा, मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि आपकी तरक्की की राह में हर कदम पर भारत के सवा सौ करोड़ लोग आपके साथ साझीदार और मित्र दोनों रूप में मजबूती से खड़े रहेंगे। म्यांमार के राष्ट्रपति के साथ आये प्रतिनिधिमंडल में वहां के धार्मिक मामलों एवं संस्कृति मंत्री, परिवहन एवं संचार मंत्री, श्रम आव्रजन एवं कामगार मंत्री और विदेश राज्य मंत्री तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।  
 
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