आपका भी डोलता है मन तो कल की रात है खास, उठाएं लाभ

Saturday, Oct 12, 2019 - 09:00 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

कल कोजागर की रात है। कोजागर का अर्थ होता है, कौन जाग रहा है। इस रात जागरण करने से देवी लक्ष्मी धन वैभव प्रदान करती हैं। शास्त्र कहते हैं, इस रात को चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और अपनी विशेष किरणों से अमृत वर्षा करता है। शरद पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजन चंद्रोदय के बाद मध्य रात्रि में करने से स्थिर धन प्राप्त होता है। ज्योतिष द्वारा फलित में चंद्रमा का अपना विशेष स्थान है। कोई भी दशा-अंतर्दशा का समय तो बहुत लम्बा होता है परन्तु वह दशा सबसे घातक कब होगी, इसका ज्ञान तो चंद्रमा द्वारा ही संभव है। 

ज्योतिष विषयक दो ग्रहों की प्रधानता विशेष है जिनमें एक है सूर्य दूसरा चंद्रमा। सूर्य हमारा हृदय तथा चंद्रमा मन है। हृदय की गति अनवरत बनी रहती है। इसी तरह हमें सूर्य से अनवरत शक्ति मिलती रहती है और हम कार्य का संपादन मन द्वारा करते रहते हैं। सूर्य बुद्धि है, स्थिर है, चंद्रमा मन है, अस्थिर है। सूर्य में स्थायित्व है, पर चंद्रमा में चंचलता है। सूर्य अटल है, चंद्रमा द्रुतगामी है। देखा भी गया है कि मन पर चंद्रमा का बड़ा प्रभाव रहता है और ‘मन’ ही इस स्थूल शरीर (जिसे हम स्पष्ट देखते हैं) पर सुख-दुख, अच्छे-बुरे, संकल्प-विकल्प का भान कराता है। चंद्रमा सब ग्रहों में तेज़ है इसलिए यहां मन को सदैव चलायमान करने का वह एक विशेष कारण है। मन से ही मनुष्य कार्य में प्रवृत्त होता है, मन की एकाग्रता से ही वह कार्य सम्पादन करता है इसीलिए जातक की जन्म कुंडली में चंद्रमा का विशेष स्थान है। कोजागर की रात चन्द्रमा से लाभ पाने का सुनहरी मौका है, आप भी उठाएं लाभ-

चंद्रोदय के बाद देवी महालक्ष्मी का विधि-विधान से पूजन करें। 

गौघृत में केसर मिलाकर दीपक जलाएं और चंदन की धूप करें।

चन्द्रमा को पंचमेवा खीर का भोग लगाएं। सारी रात खीर चांदनी में रहने दें और सुबह उसका सेवन करें।

चांद की चांदनी में बैठकर इस पूजन मंत्र का जाप करें ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः॥

महालक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करें ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः॥

रात को अपने घर में घी के 16 दीपक जलाएं।


 

Niyati Bhandari

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