शरद पूर्णिमा: 30 साल बाद बनेगा दुर्लभ संयोग, Savings बढ़ानी हैं तो करें ये उपाय

Saturday, Oct 12, 2019 - 07:24 AM (IST)

शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ

अश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा मनाए जाने के पीछे अलग-अलग मान्यताएं हैं। इस बार ये पर्व 13 अक्टूबर को आ रहा है। वैसे तो प्रेम और मधुरता की आवाज वंशीनाद त्यौहार, पर्व हमारी भारतीय परम्पराओं का ऐसा गौरव है जो केवल आध्यात्मिक आस्था तक के लिए ही नहीं अपितु समता और सद्भावना की भी एक अनूठी प्रेरणा हैं। इस वर्ष शरद पूर्णिमा अपने आप में कुछ खास है क्योंकि इस दिन महालक्ष्मी संयोग बन रहा है। ज्योतिष विद्वानों के अनुसार ये योग 30 साल बाद बन रहा है। जो एक दुर्लभ संयोग है, ये चंद्रमा और मंगल के आपस में दृष्टि संबंध होने से बनता है। कल शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा मीन राशि और मंगल कन्या राशि में रहने वाले हैं। मंगल, हस्त नक्षत्र में रहेगा। ये नक्षत्र चंद्रमा के अधीन आता है। 13 अक्टूबर 2019 से पहले ग्रहों की ऐसी स्थिति 14 अक्टूबर 1989 में बनी थी। इसके अतिरिक्त चंद्रमा पर बृहस्पति की नज़र पड़ने से गजकेसरी नामक शुभ योग भी बन रहा है।

कहते हैं शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी अपने वाहन, उल्लू पर सवार होकर धरती पर आती हैं। इस दिन हर तरह की फाइनेंसियल प्रॉब्लम को दूर किया जा सकता है। मां लक्ष्मी को प्रसन्न करके आप यश और धन्य-धान्य का आशीर्वाद पा सकते हैं। प्रॉपर्टी खरीदनी हो या सेविंग्स बढ़ानी हैं तो राशिनुसार करें ये उपाय-


मेष- घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं।

वृष- कुंवारी कन्याओं को घर बुलाकर खीर खिलाएं। 

मिथुन- देवी लक्ष्मी के आगे 2 दीए जलाएं, उसमें थोड़ी सी केसर भी डाल दें। 

कर्क- सुहागिन महिलाओं को श्रृंगार का सामान भेंट करें।

सिंह- सफेद रंग की वस्तुओं या खाद्य पदार्थों का दान करें।

कन्या- शाम के समय लक्ष्‍मी जी की पूजा करें।

तुला- गाय माता को रोटी खिलाएं।  

वृश्चिक- मां लक्ष्मी को इत्र अर्पित करें।

धनु- गाय के दूध का धार्मिक स्थान पर दान करें। 

मकर- मां लक्ष्मी को लाल रंग का फूल या हार चढ़ाएं।  

कुंभ- घर के मंदिर में देसी घी का दीपक जलाएं, बत्ती में रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे का इस्तेमाल करें। 

मीन- सुहागिन महिलाओं को खीर खिलाएं।  

Niyati Bhandari

Advertising