शिंगणापुर ग्राम सभा ने ब्रिगेड की आलोचना करते हुए प्रस्ताव पारित किया

Wednesday, Jan 27, 2016 - 03:02 PM (IST)

अहमदनगर: शनि शिंगणापुर मंदिर स्थित पवित्र चबूतरे पर महिलाओं के प्रवेश पर रोक की सदियों पुरानी परंपरा को तोडऩे की 400 महिला कार्यकर्त्ताओं की कोशिश को पुलिस द्वारा विफल किए जाने के एक दिन बाद गांव की ग्राम सभा ने आज चबूतरे पर पूजा करने के प्रयास के लिए भूमाता ब्रिगेड और उसके कार्यकर्त्ताओं की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया।

शिंगणापुर की ग्राम सभा की एक बैठक में ब्रिगेड और उसकी प्रमुख तृप्ति देसाई की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया।  कल कार्यकर्त्ताओं ने शनि भगवान की पूजा करने के लिए निषेधाज्ञा का उल्लंघन करके इस लोकप्रिय मंदिर की आेर बढऩे का प्रयास किया। पुलिस ने इन कार्यकर्ताओं को सूपा गांव में हिरासत में ले लिया लेकिन उन्हें कुछ घंटे बाद शाम को छोड़ दिया गया। इन महिला कार्यकर्त्ताओं को बस में वापस पुणे भेज दिया गया। हिरासत में ली गई महिलाओं को सूपा में एक विवाह भवन में रखा गया था जहां उन्होंने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया और नारे लगाए। इस कार्रवाई का विरोध करते हुए महिला कार्यकर्ता सड़क पर लेट गयीं और वे चिल्ला रही थीं कि ‘‘गणतंत्र दिवस के दिन यह महिलाओं के लिए काला दिवस है।’’ 

नाराज देसाई ने जानना चाहा कि महिलाओं से भेदभाव क्यों हो रहा है और उन्होंने जोर देकर कहा कि कार्यकर्त्ता अपनी योजना के अनुसार आगे बढ़ेंगी। 


भगवान की पूजा-पाठ में भेदभाव करना हमारी संस्कृति नहींः फडनवीस
वहीं इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कहा कि जिला मजिस्ट्रेट और अहमदनगर जिले के एसपी को मंदिर ट्रस्ट और प्रदर्शन कर रही महिलाओं के बीच जल्द सुलह कराने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि भगवान की पूजा-पाठ में भेदभाव करना हमारी संस्कृति नहीं है, मामले को सुलझाने के लिए प्रशासन को उचित कदम उठाने चाहिए। 

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