आतंकी हमले में शहीद फिरोज की कविता सुन सभी की आंखे हुई नम

Saturday, Jun 17, 2017 - 08:22 PM (IST)

नई दिल्ली: शहीद फिरोज अहमद डार (32) को कल रात पुलवामा जिले के डोगरीपुरा गांव स्थित उनके परिवार के पैतृक कब्रिस्तान में दफना दिया गया। इस दौरान उनके गांव और उनके विभाग के कई लोगों ने उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी। हमले में शामिल आतंकवादियों ने पुलिसकर्मियों के हथियार ले जाने से पहले उनके चेहरे विकृत करने का प्रयास किया था। डार के परिवार और मित्र जब उनकी अंतिम यात्रा की तैयारी कर रहे थे, डार द्वारा 18 जनवरी, 2013 को लिखे गए शब्द सभी को याद आ रहे थे।

उन्होंने लिखा था कि क्या आपने एक पल के लिए भी रूककर स्वयं से सवाल किया कि मेरी कब्र में मेरे साथ पहली रात को क्या होगा? उस पल के बारे में सोचना जब तुम्हारे शव को नहलाया जा रहा होगा और तुम्हारी कब्र तैयार की जा रही होगी। उस दिन के बारे में सोचो जब लोग तुम्हें तुम्हारी कब्र तक ले जा रहे होंगे और तुम्हारा परिवार रो रहा होगा...उस पल के बारे में सोचो जब तुम्हें तुम्हारी कब्र में डाला जा रहा होगा।

डार के गांव के लोगों की आंखें नम थी। ग्रामीण डार को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए उनके घर के बाहर एकत्रित हुए थे। डार की 2 पुत्रियां, 6 वर्षीय अदाह और 2 वर्षीय सिमरन नहीं समझ पा रही थी कि अचानक उनके घर के बाहर लोग क्यों जमा हुए हैं। डार की पत्नी उनके वृद्ध माता-पिता चिल्ला रहे थे और अपनी छाती पीट रहे थे।

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