शाहीन बाग प्रदर्शनः प्रदर्शनकारियों ने फिर बंद किया दिल्ली-फरीदाबाद मार्ग

Saturday, Feb 22, 2020 - 07:10 PM (IST)

नई दिल्लीः संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) विरोधी प्रदर्शन के कारण शाहीन बाग में लगभग दो महीनों से बंद एक सड़क को प्रदर्शनकारियों के एक समूह द्वारा शनिवार को खोले जाने के तुरंत बाद बंद कर दिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस उपायुक्त (दक्षिणपूर्व) आर पी मीणा ने कहा, ‘‘लगभग दो घंटे पहले प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने शाहीन बाग में सड़क संख्या नौ को फिर से खोला लेकिन एक अन्य समूह ने इसे फिर बंद कर दिया।'' पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने कालिंदी कुंज की ओर जाने वाली एक सड़क के एक छोटे हिस्से को खोला था ताकि स्थानीय लोग अपने दोपहिया वाहनों से वहां से गुजर सके। 


इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा शाहीन बाग के प्रदर्शन पर बातचीत के लिए नियुक्त किए गए वार्ताकारों और प्रदर्शनकारियों के बीच शनिवार को चौथे दिन भी सहमति नहीं बन पायी। वरिष्ठ वकील साधना रामचंद्रन आज अकेले यहां आई और बातचीत शुरू की लेकिन प्रदर्शनकारियों ने फिर से नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने तक प्रदर्शन स्थल पर बने रहने की बात दोहराई। शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त मध्यस्थता पैनल में शामिल रामचंद्रन ने कहा है कि वह यहां शाहीन बाग के धरने प्रदर्शन को खत्म कराने के लिए नहीं आए हैं। वह सिर्फ यहां रास्ता खुलवाने के लिए आए हैं।

 


प्रदर्शनकारियों ने की ये मांग
बातचीत के दौरान प्रदर्शनकारियों ने एक तरफ की सड़क खोलने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि उन्हें 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराई जाए और उच्चतम न्यायायलय इस संबंध में आदेश जारी करे। दिल्ली पुलिस आयुक्त को उनकी सुरक्षा को लेकर लिखित आश्वासन दिया जाए। प्रदर्शन में शामिल शाहीन कौसर ने यूनीवार्ता को बताया कि पिछले चार दिन से वार्ताकार सड़क खुलवाने को लेकर उन लोगों से बातचीत कर रहे हैं लेकिन अभी तक समाधान नहीं निकल पाया है। उन्होंने कहा कि यहां बैठी ज्यादातर महिलाओं ने एक तरफ की सड़क खोलने को लेकर रामचंद्रन के समक्ष अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने का मुद्दा उठाया और इस संबंध में लिखित आश्वासन की मांग की है।
 
कौसर के अनुसार रामचंद्रन ने उन लोगों की बातों को सुनने के बाद कहा कि उनकी मांगों को अदालत के समक्ष प्रस्तुत कर दिया जाएगा। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि शाहीन बाग और जामिया के छात्रों और स्थानीय लोगों के खिलाफ दर्ज मामले को वापस लिए जाए। उन्होंने कहा कि पिछले दो महीनों में हुई हर घटना की जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही प्रदर्शन स्थल की सुरक्षा के लिए स्टील शीट का उपयोग किया जाए।

प्रदर्शनकारियों ने रोड बंद के लिए दिल्ली पुलिस को बताया जिम्मेदार
प्रदर्शनकारी वार्ताकारों के समक्ष पहले दिन से ही कह रहे हैं कि सड़क पर यातायात रोकने के लिए पूरी तरह दिल्ली पुलिस जिम्मेदार है। पुलिस ने नोएडा फरीदाबाद मार्ग को अवरुद्ध करने के महामाया फ्लाईओवर के पास ही बैरिकेट लगा रखी है। सड़क को एक तरफ से खोले जाने को लेकर यहां के लोगों के बीच राय बंटी हुई है। कुछ लोगों ने साफ तौर पर कहा कि आम लोगों को परेशान करने का उनका कभी मकसद नहीं रह है इसलिए सुरक्षा सुनिश्चितता के साथ सड़क को एक तरफ से खोल दिया जाना चाहिए।  वहीं एक दूसरा समूह जिसका मानना है पुलिस ने शुरुआत से ही बैरिकेट लगाकर सड़क को बंद किया है इसलिए सड़क खोलना सुरक्षित नहीं है। उन्होंने कहा कि चूंकि पुलिस ने सुरक्षा का बहाना बनाकर ही कई सड़कों को बंद कर यातायात रोक रखा है इसलिए इसे कैसे खोला जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों को वहां से हटने को राजी कराने के लिए 17 फरवरी को वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े को वार्ताकार नियुक्ति किया तथा मामले की सुनवाई 24 फरवरी तक के लिए टाल दी थी। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून, राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर,और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के खिलाफ दक्षिणी दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाले कालिंदी कुंज सड़क पर पिछले सत्तर दिनों से अधिक समय से दिनरात विरोध प्रदर्शन चल रहा है। प्रदर्शन के चलते यह सड़क बंद है जिससे आसपास के स्थानीय लोगों समेत यहाँ से गुज़रने वाले राहगीरों को आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

 

rajesh kumar

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