संस्कार से पहले ​बेटी के पिता बने शहीद श्योराम, बेटे ने कहा-मैं भी फौज में जाऊंगा

Tuesday, Feb 19, 2019 - 02:38 PM (IST)

नेशनल डेस्क: राजस्थान के झुंझुनूं जिले के टीबा बसई गांव में आज पुलवामा शहीद श्योराम सिराधना के अंतिम संस्कार से पूर्व उनके घर में बेटी का जन्म हुआ। शहीद श्योराम सिराधना का पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव टीबा बसई पहुंचा और उनकी पत्नी सुनिता देवी ने अंतिम दर्शन करने के बाद बेटी को जन्म दिया।
 

चिकित्सकों ने घर पर ही प्रसव कराया। प्रसव के बाद ही शहीद के अंतिम संस्कार की रस्म शुरू हो पाई और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले सैनिक श्योराम की कश्मीर से सुनिता देवी से फोन पर बात हुई थी, तब उन्होंने पत्नी से कहा था कि वह शीघ्र छुट्टी आ रहे हैं लेकिन छुट्टी आने से पहले ही उन्होंने सोमवार तड़के आतंकवादियों से लोहा लेते हुए देश के लिये शहादत दे दी। 


शहीद के पांच वर्षीय पुत्र कुशांक ने कहा कि मेरे पापा दुश्मनों को मारने गए हैं, मुझे बंदूक लाकर देंगे, मैं भी दुश्मनों को मारूंगा। कुशांक ने अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। शहीद श्योराम सिराधना तीन भाईयों में सबसे बड़े थे। इनका एक भाई रूपचंद भी सेना में हिसार में तैनात है तथा तीसरा भाई रघुवीर घर पर ही रहता है। इनके पिता बालूराम की करीब 35 वर्ष पूर्व देहांत हो चुका है। घर में पत्नी सुनिता देवी एवं माता सारली देवी है। 


ग्रामीणों ने बताया कि शहीद श्योराम सिराधना बहुत ही मिलनसार थे। वह जब भी छुटटी पर घर आते थे तो गांव की चौपाल पर ही अपने साथियों के साथ पूरा समय बिताते थे। वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने श्योराम की शहादत पर संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि श्योराम व हमारे अन्य बहादुर सैनिकों ने देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर वीरता की सबसे बड़ी मिसाल कायम की है। 

vasudha

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