शाह ने विपक्ष पर ली चुटकी, बोले- मुझे गुस्सा नहीं आता, मेरी आवाज ऊंची, ये मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट

punjabkesari.in Monday, Apr 04, 2022 - 05:30 PM (IST)

नई दिल्लीः गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में विपक्ष पर चुटकी लेते हुए कहा कि उनको गुस्सा नहीं आता, वो गुस्सा नहीं करते। शाह ने तृणमूल कांग्रेस की ओर से की गई एक टिप्पणी के जवाब में हल्के -फुल्के अंदाज़ में कहा कि उनकी आवाज़ ज़रा ऊंची है जो उनका‘मैन्युफैक्चरिंग डिफेक्ट'है। लेकिन कश्मीर के मुद्दों के अलावा उन्हें कभी गुस्सा नहीं आता।

इससे पहले अमित शाह ने लोकसभा में कहा है कि किसी अपराध में दोष सिद्धि का प्रमाण जब तक मजबूत नहीं होता है, तब तक देश में कानून- व्यवस्था और देश की आंतरिक सुरक्षा को बहाल और मजबूत करना संभव ही नहीं है। शाह ने लोकसभा में दण्ड प्रक्रिया (शिनाख्त) विधेयक 2022 को विचार और पारित करने के लिए रखते हुए कहा कि बंदी शिनाख्त अधिनियम 1920 को निरस्त करके बदला गया यह विधेयक समय और विज्ञान की द्दष्टि से आवश्यक है। उन्होंने कहा कि दोष सिद्ध करने के लिए अदालतों को जिस तरह के नतीजे चाहिए उन्हें उपलब्ध कराने और कानून को लागू करने वाली एजेंसियों की ताकत बढ़ाने में यह विधेयक आज के समय की ज़रूरत है।

शाह ने कहा कि इस विधेयक से दोष सिद्ध करने के प्रमाण में बहुत बड़ा इजाफा होगा। उन्होंने कि 1980 में विधि आयोग ने भी इस तरह का कानून बनाने का सुझाव भारत सरकार को भेजा था। जिस पर लंबे समय तक चर्चा होती रही। सत्ता में आने के बाद सरकार ने इस पर राज्य सरकारों से चर्चा की, अन्य संबंधित पक्षों से भी बात की और इसके बाद सभी पहलुओं और दुनिया के कई देशों में लागू कानूनों का अध्ययन करने के बाद यह कानून लाया गया है।

गृह मंत्री ने सभी से इस विधेयक को अलग द्दष्टिकोण से देखने का अनुरोध करते हुए कहा कि इससे जांच एजेंसी को मदद मिलेगी, सजा देने की दर बढ़ेगी और इसके साथ ही आंतरिक सुरक्षा और कानून-व्यवस्था भी मजबूत होगी। उन्होंने विधेयक का विरोध करने वाले सांसदों से कहा कि इसको समग्रता में देखने की जरूरत है, क्योंकि बदलाव समय की मांग है। उन्होंने कहा 'विपक्ष ने व्यक्ति की निजता और मानवाधिकार के मुद्दों को लेकर इस विधेयक पर प्रश्न चिह्न खड़े किए हैं लेकिन विपक्ष की चिंताओं की भी चिंता करते हुए सरकार कदम उठा रही है। सरकार जेल के कैदियों के लिए एक आदर्श नियमावली विधेयक तैयार कर रही है जिसे राज्य सरकारों को भेजा जाएगा , जिससे कई तरह की चिंताएं दूर हो जाएगी।'

उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह 28 मार्च को शाह की तरफ से गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने लोक सभा मे दण्ड प्रक्रिया ( पहचान ) विधेयक 2022 को पेश किया था। उस समय भी विरोधी दलों ने इसका तीखा विरोध किया था और उनकी मांग पर सदन में मत विभाजन भी करवाना पड़ा था।


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Content Writer

Yaspal

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