शाह ने 5 साल में की 10 लाख कि.मी. यात्रा

Wednesday, May 15, 2019 - 05:30 AM (IST)

इलेक्शन डेस्क: 2014 में भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एन.डी.ए.) के सत्ता में आने के बाद भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह पिछले 5 साल में 3 बार पूरे भारत का दौरा कर चुके हैं और इस दौरान उन्होंने पार्टी के आधिकारिक काम के लिए 10 लाख कि.मी. की यात्रा की है। अमित शाह को 2014 के चुनाव में जीत के 2 महीने बाद ही पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था। उनके अध्यक्ष बनने के बाद भाजपा ने देश के कई राज्यों में जीत हासिल की है और उन राज्यों में पार्टी मजबूत हुई है जहां पार्टी का कोई आधार नहीं था। 

विशेष तौर पर पूर्वोत्तर के राज्यों में भाजपा ने अच्छी छाप छोड़ी है। इन लोकसभा चुनावों के दौरान अमित शाह ने अलग-अलग राज्यों में 47 बार दौरा किया है लेकिन पिछले 5 साल में उन्होंने करीब 1500 पब्लिक मीटिंग्स अटैंड की हैं। भाजपा नेताओं का आकलन है कि पिछले 5 साल के दौरान अमित शाह ने 60 फीसदी यात्राएं चुनाव वाले राज्यों में चुनाव संबंधी कार्य के लिए की हैं जबकि अन्य 40 फीसदी में उन्होंने संगठन के काम के लिए देश के कई राज्यों का दौरा किया। इस लिहाज से चुनाव के लिए अमित शाह ने करीब 6 लाख कि.मी. की यात्रा की जबकि 4 लाख 13 हजार किलोमीटर की यात्रा उन्होंने पार्टी के संगठन को मजबूत करने के लिए की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद राज्यों में अमित शाह की भारी मांग है और पार्टी की राज्य इकाई के नेता संगठन में मजबूती और चुनाव में प्रचार के लिए अमित शाह को बुलाना फायदेमंद समझते हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक अमित शाह ने 2014 से 16 के मध्य 191 मीटिंग्स अटैंड कीं जबकि 2017 में 188 और 2018 में 350 बैठकों में हिस्सा लिया।

राज्यों में लहराया भाजपा का परचम 
अमित शाह के अध्यक्ष बनने के बाद भाजपा ने राज्यों में तेजी से विस्तार किया है। लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद 2014 में हुए महाराष्ट्र और हरियाणा के अरुणाचल प्रदेश और झारखंड व जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने शानदार प्रदर्शन किया। हालांकि बाद में जम्मू-कश्मीर में पार्टी की सरकार नहीं रही और पी.डी.पी. के साथ भाजपा का गठजोड़ टूट गया लेकिन पार्टी की जीत का यह सिलसिला 2016 के असम और पुड्डुचेरी के चुनाव में भी जारी रहा और पार्टी ने दोनों जगह सरकार बनाई। 

2017 के उत्तर प्रदेश चुनाव में एकतरफा जीत अमित शाह की अगुवाई में भाजपा को मिली विजय में से सबसे बड़ी जीत थी। पार्टी ने साथ ही उत्तराखंड में भी चुनावी जीत हासिल की थी और हिमाचल प्रदेश में भी पार्टी को अपना मुख्यमंत्री बनाने में सफलता मिली। इस दौरान पार्टी ने नागालैंड और मणिपुर में भी सरकार बनाई। हालांकि कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश, पंजाब और छत्तीसगढ़ में पार्टी उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन न कर सकी और इन राज्यों में पार्टी को सत्ता से हाथ धोना पड़ा।

Pardeep

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