पुरुषों में सेक्स की 'भूख' के चलते बढ़ रहे हैं यौन अपराध: मद्रास हाई कोर्ट

Sunday, Dec 17, 2017 - 04:25 PM (IST)

नई दिल्लीः मद्रास हाईकोर्ट ने महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ बढ़ते यौन अपराधों पर गहरी चिंता जाहिर की है। हाईकोर्ट ने केंद्र और तमिलनाडु सरकार को यह पता लगाने के लिए कहा है कि यौन अपराध गिरते लिंगानुपात के कारण बढ़ रहे हैं या इसके लिए ऐसे सांस्कृतिक, धार्मिक और नैतिक कारण जिम्मेदार हैं जिनकी वजह से सेक्स करने से रोका जाता है और पुरुषों में सेक्स के लिए 'भूख' बढ़ रही है। जस्टिस एन. किरुबाकरण ने कहा कि महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ यौन अपराधों में हर साल तेजी से इजाफा हो रहा है।

एेसे अपराधियों को न पशु न मानव कह सकते
बलात्कार और हत्या के आरोपी की जमानत याचिका को खारिज करते हुए जस्टिस किरुबाकरण ने कहा, 'यौन अपराध निजता, मर्यादा का हनन हैं और यह महिला के सम्मान पर आजीवन दाग लगा देते हैं। यौन हमलों में पीड़िता के विरोध के बावजूद जबरन उसके अधिकार का हनन किया जाता है। ऐसे अपराधियों को न तो मानव कहा जा सकता है और न पशु क्योंकि पशु भी शरीर पर अधिकार का सम्मान करते हैं।' 

शराब की लत जिम्मेदार या गिरता लिंगानुपात 
कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार और राष्ट्रीय महिला आयोग को जवाब देने को कहा है। कोर्ट ने पूछा है कि क्या शराब की लत ऐसे अपराधों को बढ़ावा देने के लिए जिम्मेदार है या गिरता लिंगानुपात और कन्या भ्रूण हत्या इसके लिए जिम्मेदार है। कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा है कि क्या सांस्कृतिक, धार्मिक, नियमों और नैतिकता जैसी वजहों से यौन संबंधों को निषेध किए जाने के कारण भारतीय पुरुषों में सेक्स की 'भूख' बढ़ गई है और वे ऐसे अपराधों को अंजाम दे रहे हैं। 

निर्भया कांड के बाद बने सख्त कानून हुए बौने साबित
हाईकोर्ट जज ने कहा कि साल 2012 में निर्भया मामले के बाद सख्त से सख्त कानून लाया गया। बावजूद इसके महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों को रोका नहीं जा सका है। उन्होंने कहा कि ऐसे यौन अपराधों को मामलों की मानसिक और सामाजिक दृष्टिकोण से जांच करनी चाहिए। कोर्ट ने इस बारे में केंद्र और राज्य सरकार समेत राष्ट्रीय महिला आयोग से अगले साल 10 जनवरी तक जवाब देने को कहा है।

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