किसानों पर पुलिस कार्रवाई से विपक्ष ने मोदी सकरार को घेरा

Tuesday, Oct 02, 2018 - 08:06 PM (IST)

नई दिल्लीः विपक्षी दलों ने राष्ट्रीय राजधानी की तरफ मार्च कर रहे हजारों किसानों के खिलाफ मोदी सरकार पर मंगलवार को ‘‘बर्बर पुलिस कार्रवाई’’ करने का आरोप लगाया और कांग्रेस ने कटाक्ष किया कि ‘‘दिल्ली सल्तनत का बादशाह सत्ता के नशे में है।’’ विपक्ष ने केंद्र सरकार पर ‘किसान विरोधी’ होने का आरोप लगाते हुए मांग की कि किसानों को शांतिपूर्वक अपनी शिकायतों को रखने के लिए दिल्ली में प्रवेश की इजाजत दी जाए। वहीं सरकार किसानों को अपना प्रदर्शन खत्म करने के लिये मनाने के तरीके तलाशने में जुटी दिखी।



गाजियाबाद में दिल्ली-उप्र सीमा और अन्य जगहों पर किसानों को रोका गया है। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिये पानी की बौछार और आंसू गैस के गोले दागे। कुछ खबरों में लाठी चार्ज किये जाने की बात भी कही गई है। कृषि कर्ज माफी और ईंधन के दामों में कटौती जैसी विभिन्न मांगों को लेकर भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) की तरफ से प्रदर्शन का आह्वान किया गया है। अधिकारियों ने कहा कि ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर सवार किसानों ने उप्र पुलिस के बैरीकेड तोड़ दिये और दिल्ली पुलिस द्वारा लगाए गए बैरीकेड की तरफ बढऩे लगे। भीड़ को तितर-बितर करने के लिये आंसू गैस के गोले भी दागे गए।



इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भाजपा पर अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस के दिन दिल्ली सीमा पर किसानों की ‘‘बर्बर पिटाई’’ का आरोप लगाया और सवाल किया कि वे राष्ट्रीय राजधानी में अपनी शिकायत का जिक्र भी नहीं कर सकते? उन्होंने हिंदी में ट्वीट किया, ‘‘विश्व अहिंसा दिवस पर भाजपा का दो-वर्षीय गांधी जयंती समारोह शांतिपूर्वक दिल्ली आ रहे किसानों की बर्बर पिटाई से शुरू हुआ। अब किसान देश की राजधानी आकर अपना दर्द भी नहीं सुना सकते!’’


पार्टी की सर्वोच्च निर्णायक इकाई कांग्रेस कार्य समिति ने महाराष्ट्र के वर्धा में हुई अपनी एक बैठक में किसानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया। पुलिस कार्रवाई की निंदा करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र अगर कुछ उद्योगपतियों के भारी भरकम ऋण माफ कर सकता है तो वह किसानों का कर्ज क्यों नहीं माफ कर सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘अहंकार उनके सिर चढ़कर बोल रहा है।’’



कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘मांग सुने जाने के बजाए किसानों के साथ बर्बरता हो रही है उन्हें पीटा गया। दिल्ली सल्तनत का बादशाह सत्ता के नशे में चूर है।’’ किसानों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की आलोचना करते हुए माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा, ‘‘हम किसानों पर हुई कार्रवाई और ज्यादतियों की कड़े शब्दों में आलोचना करते हैं ।यह एक बार फिर मोदी सरकार के किसान विरोधी रवैये को दर्शाता है।’’



समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदर्शनकारी किसानों को अपना समर्थन देते हुए आरोप लगाया कि ईंधन के बढ़े दामों और जीएसटी तथा नोटबंदी जैसे फैसलों की वजह से कृषक समुदाय बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सपा प्रमुख ने कहा कि‘‘किसान अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में सड़कों पर हैं। अगर हम देखें तो पिछले चार सालों में करीब 50 हजार किसानों ने आत्महत्या की है। इनमें अधिकतर उत्तर प्रदेश सहित अनेक भाजपा शासित प्रदेशों के किसान शामिल हैं।‘’



भाकपा ने भी प्रदर्शनकारी किसानों पर पुलिस कार्रवाई की निंदा की है। वामपंथी अखिल भारतीय किसान सभा ने भी किसानों के खिलाफ पुलिस की ‘‘बर्बरता’’ की आलोचना की और इस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि किसानों के विरोध मार्च को राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने से रोकना ‘‘गलत’’ है। उन्होंने शहर में किसानों को प्रवेश देने की वकालत की। गांधी जयंती के अवसर पर दिल्ली विधानसभा में आयोजित एक समारोह से इतर उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से क्यों रोका जा रहा है। यह गलत है। दिल्ली सबकी है। उन्हें दिल्ली में आने देना चाहिए। हम उनकी मांगों का समर्थन करते हैं।’



राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट की अनदेखी कर मोदी सरकार ने किसानों की पीठ में छूरा घोंपा है। उन्होंने हिंदी में ट्वीट कर कहा, ‘‘मोदी जी, माना किसान पूंजीपतियों की तरह आपकी जेबें नहीं भर सकते लेकिन कम से कम उनके सिर पर डंडे तो मत मरवाइए। अगर आपने गऱीबी देखी होती तो किसानों पर इतने जुल्म नहीं करते।’’

 

Yaspal

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