चुनाव की घोषणा से पहले ही हो गए थे वोटरों को खरीदने के बंदोबस्त

Sunday, Oct 07, 2018 - 01:11 PM (IST)

नेशनल डेस्क: चुनाव आयोग ने शनिवार को 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों का ऐलान कर दिया है। चुनाव आयोग की घोषणा के साथ ही मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना में चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है जिसके तहत राज्‍य में नेताओं समेत सरकारों पर कई पाबंदियां लग गई हैं। लेकिन चुनाव की घोषणा से पहले ही वोटरों को खरीदने के बंदोबस्त कर लिए गए थे।
 

राजस्थान में किसानों को दी जाएगी मुफ्त बिजली
चुनाव के ऐलान से ठीक पहले ही राजस्थान सरकार ने किसानों को मुफ्त बिजली देने का ऐलान कर दिया। राज्य की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शनिवार को अजमेर में महारैली का आयोजन किया जिसमें प्रधानमंत्री नरेंंद्र मोदी ने भी शिरकत की। इस दौरान सीएम ने घोषणा की कि राज्य के सभी किसानों को मुफ्त बिजली दी जाएगी। वहीं आचार संहिता लागू होने से ठीक पहले ही छत्तीसगढ़ में दो बड़ी रेल परियोजनाओं का शिलान्यास किया गया। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने लगभग छह हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली 295 किलोमीटर लंबी कटघोरा-मुंगेली-कवर्धा-डोंगरगढ़ रेल लाईन परियोजना का शिलान्यास किया।


छत्तीसगढ़ में स्मार्टफोन देने का ऐलान
रिपोर्ट के अनुसार चुनाव के ऐलान से पहले मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में करीब तीन हजार करोड़ रुपए के मोबाइल, साड़ी, जूते-चप्पल आदि मुफ्त में बांटे गए हैं। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह सरकार ने 50 लाख लोगों को मुफ्त में 4जी स्मार्टफोन देने का ऐलान किया है। इसके लिए फोन के लिए सरकार ने माइक्रोमैक्स के साथ करार किया है जबकि इस मोबाइल में सिम जियो का होगा। इस करार के लिए सरकार ने 1500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। 


क्या होती है आचार संहिता
आचार संहिता देश की सभी राजनीतिक पार्टियों पर लागू किया जाता है। जिसका उद्देश्य पार्टियों के बीच मतभेद टालने, शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव कराना होता है। इसके द्वारा ये सुनिश्चित किया जाता है कि कोई भी राजनीतिक पार्टी, केंद्रीय या राज्य की अपने आधिकारिक पदों का चुनावों में लाभ हेतु गलत इस्तेमाल न करें। चुनाव आचार संहिता का मतलब है चुनाव आयोग के वे निर्देश जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना होता है। अगर कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता तो चुनाव आयोग उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकता है, उसे चुनाव लडऩे से रोका जा सकता है, उम्मीदवार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है और दोषी पाए जाने पर उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।
 

vasudha

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