एक साल के भीतर वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र स्थापित करें : एनजीटी

Wednesday, Nov 20, 2019 - 11:55 PM (IST)

नई दिल्लीः राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने बुधवार को सभी राज्यों के प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को एक साल के भीतर वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र स्थापित करने और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) को प्रत्येक तिमाही पर प्रगति रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायाधीश आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर कुछ निर्देश जारी किए और वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र स्थापित करने को लेकर पहली रिपोर्ट एक अप्रैल 2020 तक देने को कहा। अधिकरण ने कहा कि केंद्र स्थापित करने का मापदंड आबादी और शहर के इलाके के आधार पर बनाया गया है जिसके अनुसार मौजूदा केंद्रों के अलावा 800 कॉन्टिन्यूस एम्बियंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशंस (सीएएएक्यूएमएस) और 1,250 मैनुअल केंद्रों की आवश्यकता है।

उसने कहा कि अभी 114 शहरों में 202 सीएएएक्यूएमएस लगाने का प्रस्ताव है जिनमें से 152 स्थापित करने की प्रक्रिया चल रही है। पीठ ने कहा, ‘‘ऐसे सभी केंद्र सीपीसीबी के सर्वर से जुड़े होने चाहिए। इन स्थानों पर सीपीसीबी के खुद के केंद्र भी हो सकते हैं। सभी 12 अधिसूचित मानकों की सीएएएक्यूएमएस द्वारा निगरानी की जानी चाहिए। इसका पालन न करने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों को एक जनवरी 2021 से हर महीने पांच लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देनी होगी।''

एनजीटी ने यह भी कहा कि रिहायशी इलाकों से औद्योगिकी इकाइयों को स्थानांतरित करने के लिए तंत्र जल्द ही बनाया जा सकता है। ध्वनि प्रदूषण को लेकर भी हरित अधिकरण ने सीपीसीबी को वृहद रिपोर्ट देने को कहा है। साथ ही चेतावनी भी दी है कि आदेशों का अनुपालन नहीं होने पर संबंधित राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों को दो लाख रुपये प्रतिमाह की क्षतिपूर्ति देनी होगी।

 

Pardeep

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