J&K: आर्टिकल 35A पर सुनवाई से पहले आज अलगाववादियों का बंद, 14 साल बाद घाटी में BSF तैनात

Sunday, Feb 24, 2019 - 09:26 AM (IST)

श्रीनगरः सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को संविधान के अनुच्छेद 35-ए पर सुनवाई से पहले अलगाववादियों के संगठन ‘ज्वाइंट रेजिस्टेंस लीडरशिप’(जेआरएल) ने रविवार को घाटी में बंद रखने का आह्वान किया। घाटी में तनाव और बंद के दौरान किसी भी प्रकार की दुर्घटना से बचने के लिए भारी संख्या में जवानों की तैनाती की गई है। पूरे श्रीनगर में धारा 144 लागू कर दी गई है और कई इलाकों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है।

150 से अधिक लोगों को लिया हिरासत में
सरकार ने अलगाववादियों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई की और 150 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया जिससे शनिवार को कश्मीर घाटी में तनाव व्याप्त हो गया। हिरासत में लिए गए लोगों में मुख्य रूप से जमात-ए-इस्लामी जम्मू एंड कश्मीर के प्रमुख अब्दुल हमीद फैयाज सहित इसके सदस्य शामिल हैं। हालांकि, पुलिस ने इसे नियमित प्रक्रिया करार देते हुए कहा कि कुछ नेताओं और संभावित पत्थरबाजों को हिरासत में लिया गया है। वहीं, घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों का कहना है कि जमात-ए-इस्लामी पर यह पहली बड़ी कार्रवाई है। सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 35-ए पर सोमवार को सुनवाई होने की संभावना है जिसके तहत जम्मू कश्मीर के निवासियों को विशेष अधिकार मिले हुए हैं। संगठन पूर्व में हिज्बुल मुजाहिदीन की राजनीतिक शाखा के तौर पर काम करता था। हालांकि, उसने हमेशा खुद को एक सामाजिक और धार्मिक संगठन बताया है।

अर्द्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां तैनात
कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अर्द्धसैनिक बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियां (10,000 जवान) कश्मीर घाटी भेजी गई हैं। सुरक्षा बलों द्वारा शनिवार को उठाए गए कदमों में विशेष बात यह रही कि करीब 14 वर्ष के अर्से के बाद श्रीनगर शहर में बी.एस.एफ. (सीमा सुरक्षा बल) की तैनाती की गई है। इससे पहले शहर में राज्य पुलिस के अलावा सी.आर.पी.एफ. की ही तैनाती रहती थी, लेकिन अब इन दोनों सुरक्षा बलों के अलावा बी.एस.एफ. और आई.टी.बी.पी. की कंपनियां भी तैनात की गई हैं। हालांकि केन्द्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार सैनिकों की आवाजाही चुनाव से पूर्व तैनाती के तहत है। वहीं लड़ाकू विमानों के उड़ने की आवाज शुक्रवार की देर रात डेढ़ बजे तक सुनाई दी जिससे पुलवामा हमले में सीआरपीएफ के 40 जवानों के शहीद होने के बाद भारत-पाकिस्तान तनाव के मद्देनजर निवासियों में चिंताएं पैदा हो गईं। हालांकि, आईएएफ के अधिकारियों ने इसे एक नियमित अभ्यास बताया। पेट्रोल पंपों के बाहर लम्बी पंक्तियां दिखाई दीं और लोग दुकानों पर आवश्यक वस्तुएं खरीदते हुए दिखाई दिए।

Seema Sharma

Advertising