सेना ने किया ड्रोन रुस्तम-2 का सफल परीक्षण

Monday, Feb 26, 2018 - 12:17 AM (IST)

नेशनल डेस्क: भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने मेक इन इंडिया के तहत ड्रोन रुस्तम-2 का सफल परीक्षण कर्नाटक के चित्रादुर्ग में किया। डीआरडीओ ने यह ड्रोन तीनो सेनाओं की सेवा के लिए बनाया है। यह ड्रोन मानवरहित विमान मध्यम ऊंचाई में लंबी दूरी तक उड़ सकता है। रुस्तम-2 एक बार में बिना रुकावट के 24 घंटे उड़ने की क्षमता है। हथियार ले जाने में सक्षम इस ड्रोन को निगरानी में प्रयोग किया जाएगा।



तीनो सेनाओं को ध्यान में रखा गया
डीआरडीओ ने रविवार को बताया कि इस ड्रोन में 1500 करोड़ रुपये का यूएवी प्रोजेक्ट है। इसका निर्माण तीनों सेनाओं जल, थल और वायु को ध्यान में रखकर किया गया है। इसको निगरानी और जासूसी के काम के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। कर्नाटक के चित्रादुर्ग में बने एरानाटिकल टेस्ट रेंज में रुस्तम-2 का परीक्षण किया गया। यह परीक्षण बहुत महत्वपूर्ण है। इस ड्रोन में शक्तिशाली पॉवर इंजन के साथ यूजर कनफिगरेशन की पहली उड़ान है।

ड्रोन रुस्तम-2 का बनाने और डिजाइन तैयार करने का काम डीआरडीओ के एरोनॉटिकल डेवलमेंट इस्टैबलिशमेंट और एयरोस्पेस मेजर हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के आपसी सहयोग से हुआ है।यह ड्रोन अनेक तरह के पेलोड ले जाने में सक्षम है। इसमें सिंथेटिक अपर्चर रडार, इलेक्ट्रॉनिक इंटेलिजेंस सिस्टम और सिचुएशनल अवेयरनेस जैसे पेलोड शामिल हैं। ड्रोन परीक्षण के दौरान डीआरडीओ के चैयरमैन एस. क्रिस्टोफर एरोनॉटिकल सिस्टम के महानिदेशक सीपी नारायण, डीजी इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन सिस्टम के जे. मंजुला और प्रोजेक्ट से जुड़े सभी साइंसिस्ट मौजूद थे।

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