रेयर सर्जरी: बच्चे के अधूरे अंगूठे को डॉक्टरों ने कर दिया विकसित

Thursday, Aug 23, 2018 - 10:12 AM (IST)

नई दिल्ली(अंकुर शुक्ला): जिस उम्र में बच्चे खेलते हैं, उस उम्र में मासूम बच्ची खिलौना तक नहीं पकड़ सकती थी। जन्म से ही उसके हाथ का अंगूठा अद्र्धविकसित था। वह हाइडोप्लास्टिक थंब के साथ रेडियल क्लब हैंड नामक बीमारी से पीड़ित थी। विशेषज्ञों के मुताबिक यह समस्या जन्म लेने वाले एक लाख नवजातों में से एक को होती है। 

बच्ची जब स्कूल जाने लायक हो गई तो उसकी चुनौतियां और भी अधिक बढ़ गई। वह गिलास, पेंसिल, कपड़ों के बटन बंद करने और जूते के फीते बांधने समेत तमाम काम नहीं कर पा रही थी। माता-पिता को लगा कि भविष्य में उसका जीवन कठिनाइयों से भरा हो सकता है। अपनी बच्ची को इस अवस्था में देखकर माता-पिता बेहद व्यथित थे। वे लगातार डॉक्टरों से परामर्श ले रहे थे। कई अस्पतालों के चक्कर लगाने के बाद भी कोई फायदा नहीं हुआ, तो परिजन निराश हो गए। 

इसी बीच किसी परिचित के बताने के बाद परिजनों ने पीएसआरआई अस्पताल के ऑर्थोपेडिक विभाग के चेयरमैन डॉ. पीपी कोतवाल से संपर्क किया। सभी जरूरी जांच करने के बाद डॉक्टर ने परिजन को बताया कि समस्या का समाधान हो सकता है लेकिन इसके लिए सर्जरी करनी पड़ेगी जो बेहद चुनौतीपूर्ण है। डॉक्टर ने बताया कि मरीज का उपचार पोलिकाइजेशन प्रक्रिया के जरिए की जाएगी। डॉ. पीपी कोतवाल और उनकी टीम ने लगातार चार घंटे की सर्जरी के बाद अद्र्धविकसित अंगूठे को सक्रिय और विकसित करने की प्रक्रिया को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। 

ऐसे हुई सर्जरी  
चिकित्सक ने सर्जरी के दौरान अविकसित अंगूठे को हटा दिया और उसके स्थान पर तर्जनी (इंडेक्स) को अंगूठे का रूप देकर अंगूठे की जगह पर स्थापित किया। इस दौरान अंगूठा ठीक करने के लिए तर्जनी की नसों को भी जोड़ा गया। चार घंटे तक चले इस ऑपरेशन के बाद अंगूठा हरकत में आ गया। अब आनंदिता अपने उन कामों को खुद करने लगी है, जो बीते दिनों में करना उसके लिए मुमकिन नहीं था। डॉ. कोतवाल ने बताया कि आनंदिता जैसे-जैसे बड़ी होगी उसका अंगूठा और अंगुलियां भी बढऩे लगेंगी। सफल ऑपरेशन के बाद उसे अविकसित अंगूठे की बीमारी वाली कठिनाइयों का सामना भविष्य में नहीं करना पड़ेगा। उनके मुताबिक आनंदिता का ऑपरेशन किसी चुनौती से कम नहीं था।

vasudha

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