‘आत्मनिर्भर भारत अभियान' विश्व व्यवस्था को और अधिक न्यायपूर्ण तथा निष्पक्ष बनाएगा : राष्ट्रपति
Saturday, Jan 09, 2021 - 09:43 PM (IST)
नई दिल्लीः राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान' विश्व व्यवस्था को और अधिक न्यायपूर्ण एवं निष्पक्ष बनाएगा तथा यह व्यापक सहयोग और शांति को बढ़ावा देगा। उन्होंने 16वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 2021 के विदाई सत्र को वीडियो लिंक के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि ‘आत्मनिर्भर भारत' के विचार का मतलब स्वकेंद्रित प्रबंध करने तथा देश को अपने में सीमित करने से नहीं है।
The idea of ‘Self Reliant India’ or ‘Aatma-Nirbhar Bharat’ does not mean seeking self-centered arrangements or turning the country inwards. It is about self-belief leading to self-sufficiency. pic.twitter.com/Z3onD8iE4d
— President of India (@rashtrapatibhvn) January 9, 2021
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘यह स्व-विश्वास, स्व-प्राचुर्य का नेतृत्व करने के बारे में है। हम वस्तुओं की उपलब्धता और सेवाओं को मजबूत कर वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधानों को कम करने की दिशा में योगदान करना चाहते हैं।''कोविंद ने कहा, ‘‘भारत का ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान' विश्व व्यवस्था को और अधिक न्यायपूर्ण एवं निष्पक्ष बनाएगा तथा यह व्यापक सहयोग और शांति को बढ़ावा देगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘भारत की वैश्विक आकांक्षाओं को समझने में हमारे समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका है। हमारा समुदाय विश्व में हमारी झलक है तथा वैश्विक मंच पर वह भारत के हितों का प्रणेता है।''
राष्ट्रपति ने कहा कि प्रवासी भारतीय समुदाय हमेशा भारत की मदद के लिए आगे आया है, चाहे वह भारत की चिंता से संबंधित अंतरराष्ट्रीय मुद्दों का विषय हो या फिर भारत की अर्थव्यवस्था में मदद करने से जुड़ा विषय हो। उन्होंने कहा कि 1915 में आज के दिन महानतम प्रवासी भारतीय महात्मा गांधी भारत लौटे थे। कोविंद ने कहा, ‘‘उन्होंने (गांधी) हमारे सामाजिक सुधारों तथा स्वतंत्रता आंदोलन को एक व्यापक आधार दिया, और अगले तीन दशकों के दौरान उन्होंने भारत में कई बुनियादी तौर-तरीकों में बदलाव कर दिया।'' उन्होंने कहा कि प्रवासी भारतीय दिवस व्यक्तिगत और सामूहिक जीवन में गांधी जी के आदर्शों को याद करने का भी अवसर है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘हम श्री अटल बिहारी वाजपेयी के ऋणी हैं, जिनके विजन ने हमारे समुदाय के साथ संबंधों में पुन: ऊर्जा भर दी। प्रवासी भारतीय दिवस समारोह की शुरुआत 2003 में हुई थी, जब वह भारत के प्रधानमंत्री थे।'' उन्होंने प्रवासी भारतीयों से कहा, ‘‘आपने भारत की उदार शक्ति का प्रसार किया है और वैश्विक मंच पर अपनी पदचाप छोड़ी है। भारत, इसकी संस्कृति और परंपराओं से आपका सतत भावनात्मक लगाव हम सभी को गर्व से भर देता है।'' कोविंद ने कहा कि अत्मनिर्भर भारत के बीज अनेक साल पहले तब बोए गए थे, जब महात्मा गांधी ने स्वदेशी और आत्मनिर्भरता का आह्वान किया था।