अवैध निर्माण की सीलिंग में बाधा पहुंचाई तो होगी सीधे जेल: सुप्रीम कोर्ट

Monday, Aug 06, 2018 - 09:30 PM (IST)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली में अनधिकृत और अवैध निर्माण की सीलिंग करने के दौरान सरकारी अधिकारियों के काम में रुकावट डालने वालों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसा किए जाने पर सीधे जेल जाना पड़ेगा। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की खंडपीठ ने सोमवार को इस मामले पर सुनवाई की और सीलिंग के मामले में अधिकारियों के कामकाज में बाधा डालने वाले बख्शे नहीं जाएंगे और उन्हें सीधे तिहाड़ जेल भेज दिया जाएगा।

कोर्ट ने मंजूर की मुकेश सूर्या की बिना शर्त माफी 
खंडपीठ ने कड़ा रुख अपनाने के साथ ही सीलिंग के मामले में अधिकारियों को धमकाने के आरोप पर नजफगढ़ जोन की वार्ड समिति के अध्यक्ष मुकेश सूर्या की बिना शर्त माफी को मंजूर कर लिया। फोरम आफ एमसीडी इंजीनियर्स ने अध्यक्ष सूर्या पर आरोप लगाया था कि न्यायालय की मॉनिटरिंग कमेटी की देखरेख में वह जब अवैध निर्माण पर सीलिंग की कार्रवाई करने गए थे तो उन्हें धमकाया गया था। सूर्या के वकील ने पीठ को बताया कि उनके मुवक्किल ने बिना शर्त माफी मांगते हुए हलफनामा दाखिल किया है और यह भरोसा दिलाया कि भविष्य में फिर ऐसा नहीं करेंगे।

फिर से ऐसा किया गया तो होगी जेल
इस पर पीठ ने कहा,यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ऐसा वाक्या फिर नहीं होने पाए और यदि आपने फिर से ऐसा किया तो फिर तैयार हो न्यायालय आएं क्योंकि यहां से सीधे आपको जेल भेज दिया जाएगा। ‘फोरम की तरफ से न्यायालय को यह जानकारी देने पर कि उन्हें ऐसे इलाकों में ग्रिड अधिकारी तैनात किया गया है जो निगम के अधिकार क्षेत्र में नहीं आते। उनका अनुरोध है कि उन्हें ऐसे क्षेत्रों की जिम्मेदारी नहीं दी जानी चाहिए। फोरम की तरफ से इस संबंध में याचिका दायर की गई है जिस पर पीठ ने 14 अगस्त को सुनवाई करेगा।

shukdev

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