SCO में घिरे पाक और चीन, भारत ने लगाई लताड़

Sunday, Dec 03, 2017 - 03:13 PM (IST)

मॉस्कोः रूस के शहर सोची में शंघाई सहयोग सम्मेलन (SCO) की बैठक में आतंकवाद का मुद्दा उठाकर भारत ने पाकिस्तान और चीन को घेरा। इन मुद्दों पर भारत को SCO के सदस्य देशों में से अधिकांश का समर्थन मिला। सम्मेलन में भाग लेने गर्इं विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दोनों देशों का नाम लिए बगैर धर्म और जातीय पहचान के नाम पर आतंकवाद को बढ़ाना देने को मानवता के लिए अपराध बताया। उन्होंने क्षेत्रीय आर्थिक विकास के लिए देशों के बीच परस्पर संपर्क और कारोबार बढ़ाने के लिए आतंकवाद पर अंकुश लगाने की जोरदार वकालत की।

भारत के अपनी प्रस्तावना पेश करने के समय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी और चीनी राजनयिक भी बैठक में मौजूद थे।  इस मुद्दे पर रूस समेत एससीओ के अधिकांश देश भारत की प्रस्तावना के समर्थन में आ गए हैं। इस सम्मेलन के लिए तैयार किए गए भारत के दस्तावेज के अनुसार, SCO के सदस्य देशों को क्षेत्रीय सुरक्षा का ढांचा तैयार करना चाहिए। वैश्विक आतंकवाद बड़ी चुनौती बन गया है।

आतंकवाद के हर स्वरूप और इसके हर तर्क की भारत निंदा करता है।  विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने एससीओ व एससीओ-क्षेत्रीय आतंकवाद रोधी ढांचा (आरएटीएस) के उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए इलाके में एक मजबूत सुरक्षा-व्यवस्था तैयार करने का आह्वान किया। भारत और पाकिस्तान-दोनों ही देशों को इस साल जून में एससीओ की सदस्यता मिली है।

भारत, पाकिस्तान के साथ इस साल जून में एससीओ में शामिल होने वाला पहला दक्षिण एशियाई राष्ट्र बना है। एससीओ को 2001 में रूस, चीन, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, उज्बेकिस्तान व तजाकिस्तान ने सुरक्षा मुद्दों पर बहुपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देष्य से स्थापित किया था। एससीओ चीन के वर्चस्व वाला एक सुरक्षा संगठन है जिसे अमरीका के नेतृत्व वाले नाटो की तर्ज पर बनाया गया संगठन माना जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य मध्य एशिया में सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर आपसी सहयोग बढ़ाना है। भारत स्थायी सदस्य के रूप में पहली बार एससीओ में शिरकत कर रहा है।   

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