चीन का दावा- SCO के संयुक्त सैन्य अभ्यास से कम होगी भारत-पाक की टैंशन

Tuesday, Jun 05, 2018 - 05:37 PM (IST)

बीजिंगः भारत-पाक की सेनाएं पहली बार रूस  में आयोजित होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के संयुक्त सैन्य अभ्यास में भाग लेने जा रही हैं। चीन के विशेषज्ञों का दावा है कि SCO  सदस्य देशों का संयुक्त सैन्य अभ्यास संभवत: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम कर सकारात्मक वार्ता को आगे बढ़ाने में मदद करेगा।  चीन के सरकारी अखबार चायना डेली की रिपोर्ट के मुताबिक एससीओ के सदस्य देश 9-10 जून को शेडोंग प्रांत के किंगदाओ में इस संयुक्त ड्रिल में भाग लेंगे। 

यह ड्रिल 18वें SCO शिखर सम्मेलन का पालन करेगा जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत दुनिया के कई नेताओं ने भाग लिया था। 2017 में भारत-पाक के एससीओ के पूर्णकालिक सदस्य के बतौर शामिल होने के बाद यह संयुक्त अभ्यास दोनों देशों के बीच आजादी के बाद पहली बार इस तरह का मौका होगा। हालांकि दोनों देशों की सेनाओं ने इससे पहले संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन पर साथ-साथ काम किया है। 

बीजिंग यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के प्रोफेसर ली जिंग ने कहा कि इस अभ्यास में भारत और पाक पर सभी देशों की निगाहें रहेंगी और दोनों देश एससीओ के माध्यम से सुरक्षा सहयोग में नई ऊंचाईयों का प्रतिनिधित्व करेंगे। ली के मुताबिक एससीओ अभ्यास दोनों के बीच सकारात्मक बातचीत को सुविधाजनक बना सकता है जिससे आपसी तनाव भी कम हो सकता है। हालांकि उन्होंने माना कि भारत-पाक सेनाओं के लिए एक-दूसरे से बातचीत करना अत्यंत दुर्लभ है। 

चीन के सरकारी अखबार चायना डेली ने प्रोफेसर ली जिंग के हवाले से लिखा कि अपने सदस्य देशों के लिए एससीओ पारस्परिक भरोसा बनाने, आतंकी खतरों से निपटने और क्षेत्रीय शांति व सुरक्षा बनाए रखने में सुधार के लिए एक व्यापक मंच है। ऐसे में दोनों देशों के बीच बातचीत का रास्ता बनाने में यह मंच मदद कर सकता है।


 

Tanuja

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