सिंधिया को नागरिक उड्डयन मंत्रालय मिला है, जिसके पास न कोई हवाई जहाज है, न हवाईअड्डा : दिग्विजय

Friday, Jun 02, 2023 - 06:44 AM (IST)

नेशनल डेस्कः कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने अपने पूर्व सहयोगी एवं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का बृहस्पतिवार को मखौल उड़ाते हुए कहा कि काग्रेस छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के लिए उन्हें (सिंधिया) नागरिक उड्डयन मंत्रालय दिया गया है, जिसके पास न तो कोई हवाई जहाज है और न ही कोई हवाईअड्डा। 

सिंह ने यह भी कहा कि वह इस साल के अंत में होने वाले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले सिंधिया के कांग्रेस में लौटने के किसी भी संभावित कदम का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस छोड़ने से ठीक एक सप्ताह पहले (2020 की शुरुआत में) सिंधिया ने शिवपुरी के करेरा में किसानों को कर्ज माफी प्रमाणपत्र वितरित करते हुए कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस सरकार की प्रशंसा की थी। दिग्विजय सिंह ने यह बात गुना से करीब 45 किलोमीटर दूर अशोकनगर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस छोड़ने के एक हफ्ते पहले (2020 की शुरुआत में) सिंधिया ने करेरा में कर्ज माफी के प्रमाणपत्र बांटे थे। (कमलनाथ के नेतृत्व वाली मध्य प्रदेश की तत्कालीन कांग्रेस) सरकार की प्रशंसा की थी। फिर क्यों कांग्रेस छोड़कर भाजपा में चले गए और उन्हें (भाजपा में जाकर) क्या मिला? एक विभाग जिसके पास न हवाईअड्डा है, न हवाई जहाज है।'' 

दिग्विजय ने कहा, ‘‘हमें ज्योतिरादित्य सिंधिया से बड़ी उम्मीदें थीं और वे काफी मेहनत भी करते हैं। पर ये उम्मीद नहीं थी कि वे कांग्रेस पार्टी छोड़कर चले जायेंगे। क्या कारण हुआ? लेकिन सिंधिया जी अपने लोगों को लेकर चले जाएंगे, ये उम्मीद नहीं थी।'' उन्होंने कहा, ‘‘हो सकता है उनकी नाराजगी इसलिए हो क्योंकि उन्हें 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया। लेकिन मुख्यमंत्री किसी भी संसदीय प्रणाली में लोकतांत्रिक रूप से चुना जाता है। 114 में से केवल 17 लोग उनके साथ गए। पांच और बाद में उनके साथ जुड़ गए। तो जो स्पष्ट बहुमत कमलनाथ जी के पास था, उसे कैसे नजरअंदाज कर देते।'' 

दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘जो भी उनके (सिंधिया के) काम थे, कमलनाथ जी ने किए। सिंधिया स्कूल की पूरी जमीन एक रुपये में (कमलनाथ सरकार द्वारा) दान दी गई, जो पिछली सरकारें नहीं कर पायीं थीं।'' उन्होंने कहा, ‘‘हम तो हमेशा उनको (सिंधिया) महाराज कहकर संबोधित करते थे। भारतीय जनता पार्टी ने उनको महाराज से भाई साहब बना दिया। जो मान सम्मान कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व उन्हें देता था, वो तो वहां (भाजपा में) कहीं मिल नहीं सकता।'' सिंह ने कहा, ‘‘सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा से बिना ‘पहले से समय लिये वो मुलाकात कर सकते थे, उनके घर जा सकते थे, जो अधिकार बड़े-बड़े नेताओं को नहीं था। हमको भी नहीं था। फिर नाराजगी किस बात की थी।'' 

उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई योजनाओं के प्रति नाराजगी थी, तो उसका उल्लेख करें। आज तक वो नहीं बता पाए कि नाराजगी किस बात की थी? क्यों कांग्रेस छोड़कर भाजपा में गए? उनको सब्र करना चाहिए था। उन्होंने (सिंधिया ने) खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। लेकिन ये न उनके लिए और न उनके परिवार के लिए अच्छा संकेत है।'' उनसे सिंधिया के वापस कांग्रेस में आने को लेकर सवाल पूछने पर दिग्विजय सिंह ने कहा, ‘‘अगर वह (सिंधिया) वापस कांग्रेस में आना चाहेंगे तो कम से कम मैं तो इसका विरोध करूंगा।'' 

Pardeep

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