SC का आदेश, 1 अप्रैल से नहीं बिकेंगे BS-3 वाहन

Wednesday, Mar 29, 2017 - 03:12 PM (IST)

नई दिल्‍लीः सुप्रीम कोर्ट ने ऑटो कंपनियों को तगड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने 1 अप्रैल से बीएस-3 वाहनों की बिक्री पर रोक के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने कहा, ' कमर्शियल फायदे से ज्यादा आम लोगों की सेहत ज्यादा अहम है, कार निर्माता जानते थे कि 1 अप्रैल से बीएस-4 लागू होना है। फिर भी बीएस-3 कार बनाते रहे। उनसे रियायत नहीं की जा सकती।' ऑटो बॉडी सियाम के अनुसार, कंपनियों के पास करीब 8.2 लाख की इन्‍वेंटरी बीएस-3 व्‍हीकल्‍स की है। 

इन 2 कंपनि‍यों पर होगा ज्‍यादा असर 
सोसाइटी ऑफ इंडि‍यन ऑटोमोबाइल मैन्‍युफैक्‍चरर्स (सि‍याम) की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबि‍क, टोटल अनसॉल्‍ड बीएस-3 टू-व्‍हीलर का आंकड़ा 6.71 लाख यूनि‍ट्स है। इसमें से देश की दो बड़ी कंपनि‍यों हीरो मोटोकॉर्प और हौंडा मोटरसाइकि‍ल एंड स्‍कूटर्स इंडि‍या का है। टोटल इन्‍वेंटरी में भी इन 2 कंपनि‍यों की हि‍स्‍सेदारी 80 फीसदी से ज्‍यादा है। हीरो मोटोकॉर्प के पास करीब 2.90 लाख यूनि‍ट्स अनसॉल्‍ड हैं जबकि‍ होंडा मोटरसाइकि‍ल के पास के करीब 2.50 लाख हैं। वहीं, बजाज ऑटो के पास बीएस-3 नॉर्म्‍स के 80 हजार यूनि‍ट्स हैं। हालांकि‍, दोनों ही कंपनि‍यों ने अपना पूरा प्रोडक्‍शन बीएस-4 पर शि‍फ्ट कर दि‍या है।   

सरकार ने खर्च कि‍ए 18 हजार से 20 हजार करोड़
ईपीसीए की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट हरीश साल्‍वे के अनुसार ऑटोमोबाइल कंपनि‍यों को पता है कि‍ बीएस-4 नॉर्म्‍स 1 अप्रैल से शुरू होने वाला है लेकि‍न वह पुरानी टेक्‍नोलॉजी के साथ प्रमुख मैन्‍युफैक्‍चरिंग व्‍हीकल्‍स को बना रही हैं। केंद्र ने क्‍लीनर फ्यूल बनाने के लि‍ए 18 हजार से 20 हजार करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है। ऐसे में बीएस-3 व्‍हीकल्‍स को बेचने और बनाने पर बैन लगना चाहि‍ए। 

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