प्रदूषण पर SC सख्त, केजरीवाल सरकार को लगाई फटकार...केंद्र को आपात बैठक बुलाने के निर्देश

Monday, Nov 15, 2021 - 02:18 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को सोमवार को निर्देश दिया कि वह अनावश्यक भवन निर्माण कार्यों, परिवहन एवं बिजली संयंत्रों का संचालन रोकने और घर से काम लागू करने जैसे कदम उठाने के लिए मंगलवार को एक आपातकालीन बैठक बुलाए। चीफ जस्टिस एन वी रमन्ना की अगुवाई वाली पीठ ने उत्तर प्रदेश, हरियाणा एवं पंजाब और दिल्ली के संबंधित सचिवों को अदालत की तरफ से बनाई गई समिति के समक्ष अपने प्रतिवेदन देने के लिए बैठक में भाग लेने का निर्देश दिया। जस्टिस DY चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्य कांत भी इस पीठ में शामिल थे।

पीठ ने कहा कि प्रतिवादियों के शपथ पत्र दाखिल करने और सुनवाई के बाद हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि प्रदूषण बढ़ने के लिए कुछ हिस्सों में पराली जलाए जाने के अलावा निर्माण गतिविधियां, उद्योग, परिवहन, ऊर्जा और वाहनों की आवाजाही मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग अधिनियम द्वारा कुछ निर्णय किए गए हैं, लेकिन इसने सटीक तरीके से यह नहीं बताया है कि वे वायु प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कारकों को नियंत्रित करने के लिए क्या कदम उठाने जा रहे हैं।

पीठ ने कहा कि इसके मद्देनजर हम भारत सरकार को निर्देश देते हैं कि वह मंगलवार को एक आपात बैठक करे और हमने जिन क्षेत्रों की बात की है, उन पर चर्चा करे और यह देखे कि वह वायु प्रदूषण को प्रभावी तरीके से काबू करने के लिए क्या आदेश पारित कर सकती है। जहां तक पराली जलाए जाने की बात है, तो शपथपत्र व्यापक रूप से कहते हैं कि दो महीनों को छोड़ दिया जाए, तो उसका योगदान बहुत अधिक नहीं है। बहरहाल, इस समय हरियाणा और पंजाब में पराली जलाए जाने की घटनाएं बड़ी मात्रा में हो रही हैं। शीर्ष अदालत ने पंजाब और हरियाणा सरकारों से किसानों को दो हफ्ते तक पराली नहीं जलाने के लिए मनाने को कहा। उन्होंने कहा कि हम भारत सरकार, NCR राज्यों को निर्देश देते हैं कि वे कर्मियों के लिए घर से काम जैसे विकल्प की समीक्षा करें।

Seema Sharma

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