SC/ST पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनाएगा फैसला

Friday, Sep 13, 2019 - 05:21 AM (IST)

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अजा/अजजा) कानून के तहत गिरफ्तारी के प्रावधानों को कथित तौर पर कमजोर करने वाले 20 मार्च, 2018 के अपने फैसले को लेकर केंद्र की पुनर्विचार याचिका पर शुक्रवार को फैसला सुनाएगा। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ फैसला सुनाएगी। शीर्ष अदालत ने केंद्र की इस याचिका पर एक मई को अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए टिप्पणी की थी कि देश में कानून को जाति तटस्थ और एकरूप होना चाहिए।

केंद्र ने दावा किया है कि मार्च 2018 में सुनाया गया पूरा फैसला “समस्या खड़ी करने वाला” है और न्यायालय को इसकी समीक्षा करनी चाहिए। इस फैसले का व्यापक विरोध हुआ था और देशभर में विभिन्न अजा/अजजा संगठनों ने हिंसक प्रदर्शन किए थे जिनमें कई लोग हताहत हुए थे।

पिछले साल के फैसले का समर्थन कर रहे कुछ पक्षों ने कहा था कि केंद्र की याचिका निरर्थक हो गई है क्योंकि संसद पहले ही फैसले के प्रभाव को निष्प्रभावी बनाने के लिये अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निरोधक) संशोधन अधिनियम 2018 पारित कर चुकी है। उन्होंने मांग की कि जब तक न्यायालय केंद्र की पुनर्विचार याचिका पर फैसला नहीं सुनाता, तब तक संशोधन अधिनियम पर रोक लगाई जाए।

न्यायालय ने कहा था कि यदि फैसले में कुछ गलत हुआ है तो उसे पुनर्विचार याचिका में हमेशा सुधारा जा सकता है। इससे पहले न्यायालय ने 30 जनवरी को अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति कानून में किये गये संशोधनों पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था। संशोधनों के माध्यम से, इस कानून के तहत शिकायत होने पर आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं देने का प्रावधान बहाल किया गया है। शीर्ष अदालत ने सरकारी कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ अजा-अजजा कानून के दुरुपयोग के मद्देनजर 20 मार्च, 2018 को अपने फैसले में कहा था कि इस कानून के तहत शिकायत मिलने पर तत्काल गिरफ्तारी नहीं की जायेगी। इस फैसले के बाद संसद ने पिछले साल नौ अगस्त को एक संशोधन विधयेक पारित करके न्यायालय की व्यवस्था को निष्प्रभावी बना दिया था।

 

Yaspal

Advertising