आधार कार्ड पर SC का मोदी सरकार को बड़ा झटका!

Tuesday, Jun 27, 2017 - 04:21 PM (IST)

नई दिल्लीः उच्चतम न्यायालय ने केन्द्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये आधार अनिवार्य बनाने संबंधी केंद्र सरकार की अधिसूचना पर कोई भी अंतरिम आदेश देने से आज इंकार कर दिया। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा की अवकाशकालीन पीठ ने कहा कि आधार के अभाव में सरकार द्वारा याचिकाकर्ताओं को विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभों से वंचित किए जाने की महज आशंका के आधार पर इस चरण में कोई अंतरिम आदेश नहीं दिया जा सकता है। पीठ ने शीर्ष अदालत के 9 जून के फैसले का हवाला दिया, जिसमें उसने पैन कार्ड और आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार अनिवार्य करने संबंधी आयकर कानून के प्रावधान की वैधता बरकरार रखी थी, परंतु उसने निजता के अधिकार संबंधी मुद्दे पर संविधान पीठ द्वारा विचार किए जाने तक इसके अमल पर आंशिक रोक लका दी थी।  

'एक हफ्ते करना होगा इंतजार' 
सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायालय को सूचित किया कि केंद्र ने जिन लोगों के पास आधार नहीं है, परंतु वे सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ उठा रहे हैं, उनके लिए समय सीमा 30 जून से बढाकर 30 सितंबर कर दी है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता श्याम दीवान का कहना था कि न्यायालय को केंद्र को निर्देश दिया जाए कि आधार के बगैर ही सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ प्राप्त कर रहे लोगों को इससे वंचित नहीं किया जाए। पीठ ने कहा, महज आशंका के आधार पर कोई अंतरिम आदेश पारित नहीं किया जा सकता है। आपको एक सप्ताह इंतजार करना होगा। यदि किसी व्यक्ति को इससे वंचित किया जाता है तो आप इस ओर न्यायालय का ध्यान आकर्षित कर सकते है। इसके साथ ही न्यायालय ने इस मामले को सुनवाई हेतु सात जुलाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया। शीर्ष अदालत विभिन्न समाज कल्याण योजनाओं का लाभ प्राप्त करने के लिये आधार को अनिवार्य बनाने संबंधी केंद्र सरकार की अधिसूचना को चुनौती देने वाली 3 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। 

 


 

 

 

 

 

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