सुभाष चंद्र बोस की मौत पर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई याचिकाकर्ता से अप्रसन्नता

Monday, Apr 01, 2024 - 06:33 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को उस याचिकाकर्ता से अप्रसन्नता जताई, जिसने नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मृत्यु के संबंध में एक जनहित याचिका दायर की है। न्यायालय ने कहा कि याचिका में उन नेताओं के खिलाफ ‘लापरवाही पूर्ण और गैर-जिम्मेदाराना आरोप' शामिल हैं जो अब जीवित नहीं हैं। शीर्ष अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने याचिका में महात्मा गांधी तक को नहीं छोड़ा। उसने कहा कि याचिकाकर्ता की प्रामाणिकता जांचने की जरूरत है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने याचिकाकर्ता पिनाक पाणि मोहंती से पूछा कि उन्होंने जनहित के लिए और मानवाधिकारों के लिए क्या काम किया है। मोहंती ने अपनी याचिका में कहा था कि वह ‘वर्ल्ड ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन ऑर्गेनाइजेशन' (इंडिया) के कटक जिला सचिव हैं। पीठ ने कहा, ‘‘आपके पीछे कौन है? आपने जनहित के लिए क्या किया है?'' शीर्ष अदालत ने उनसे एक हलफनामा दाखिल करने को कहा, जिसमें बड़े पैमाने पर समाज के लिए, खासकर मानवाधिकार के क्षेत्र में उनके द्वारा की गई अब तक की गतिविधियों का जिक्र हो। न्यायालय ने सुनवाई चार सप्ताह बाद करना तय किया। 

Radhika

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