कराची स्वीट्स के समर्थन में संजय राउत, बोले- दुकान का पाकिस्तान से लेना-देना नहीं

Thursday, Nov 19, 2020 - 09:37 PM (IST)

नेशनल डेस्कः कराची स्वीट्स के मालिक ने दुकान के नाम को पेपर से ढक दिया है। हालांकि, शिवसेना नंदगांवकर के इस कदम पर उनके साथ नहीं है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने गुरुवार को कराची स्वीट्स का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि दुकान के मालिक का पाकिस्तान से कुछ लेना-देना नहीं है, इसलिए दुकान का नाम बदलने की मांग शिवसेना का आधिकारिक रुख नहीं है।

गौरतलब है कि शिवसेना के एक कार्यकर्ता ने उपनगरीय बांद्रा स्थित ‘कराची स्वीट्स' के मालिक से दुकान का नाम बदलकर कुछ और करने के लिए कहा है। शिवसेना कार्यकर्ता नितिन नंदगांवकर के फेसबुक पेज पर साझा किये गए एक वीडियो क्लिप में वह दुकान मालिक से दुकान का नाम अपने पिता या दादा के नाम पर करने को कहता दिख रहा है। उसने दलील दी कि कराची पाकिस्तान में है जो ‘‘आतंकवादियों का देश है।'' नंदगांवकर ने कहा, ‘‘मुंबई में कराची नाम का इस्तेमाल नहीं करो..हमें कराची नाम से परेशानी है। हमारा जवान भाईदूज पर शहीद हो गया। पाकिस्तान आतंकवादियों का एक देश है।''

नंदगांवकर ने कहा कि वह ‘‘दुकान मालिक को दुकान का नाम बदलने के लिए समय देंगे।'' वीडियो के साथ एक पोस्ट में लिखा है कि ‘कराची' नाम वाले बोर्ड को 15 दिन के भीतर बदल दिया जाए। आम आदमी पार्टी (आप) ने एक बयान में शिवसेना पर उसके एक कार्यकर्ता द्वारा दुकान मालिक को ‘‘धमकाने'' को लेकर निशाना साधा और मुंबई पुलिस से इस पर संज्ञान लेने के लिए कहा।

संजय निरूपम ने साधा निशाना
वहीं दुकान के मालिक का कहना है कि उनके परिवार में यह नाम है क्योंकि उनके पूर्वज कराची से थे। वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने शिवसेना नेता की आलोचना शुरू कर दी। कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने शिवसेना कार्यकर्ता को 'बेवकूफ' बताते हुए कहा कि भारत के चाइनीज होटलों का चीन से कोई लेना-देना नहीं है, वैसे ही बांद्रा के कराची स्वीट्स का पाकिस्तान से कोई नाता नहीं है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मामले में आवश्यक कार्रवाई करने के लिए भी कहा है।

संजय राउत ने किया कराची स्वीट्स का समर्थन
मामले को बढ़ता देख अब शिवसेना ने भी पार्टी कार्यकर्ता की इस हरकत से किनारा करना शुरू कर दिया है। बुधवार को संजय राउत ने कहा, 'कराची बेकरी और कराची स्वीट्स मुंबई में 60 सालों से हैं। उनका पाकिस्तान से कोई लेना-देना नहीं है। उनके नाम बदलने के लिए कहने का कोई मतलब नहीं है।' उन्होंने कहा कि दुकान का नाम बदलने की मांग रखना शिवसेना का आधिकारिक रुख नहीं है।

Yaspal

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