''नया संसद भवन अस्त व्यस्त, सांसदों के लिए कोई सुविधाएं नहीं''...राउत ने  बिधूड़ी के बयान पर भी जताई नाराजगी

punjabkesari.in Sunday, Sep 24, 2023 - 03:13 PM (IST)

नेशनल डेस्क: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता एवं सांसद रमेश बिधूड़ी द्वारा संसद में की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों के लिए भाजपा की रविवार को निंदा की। राउत ने नए संसद परिसर के बारे में कांग्रेस नेता जयराम रमेश के विचारों से सहमति जताई और कहा कि वह अब भी पुरानी इमारत से ही जुड़ाव महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि नए संसद भवन को बनाने में काफी धन खर्च किया गया, लेकिन यह बिना ‘‘सुविधाओं'' की ‘‘अस्त व्यस्त'' इमारत है। बिधूड़ी द्वारा लोकसभा में बहुजन समाज पार्टी के नेता दानिश अली के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किए जाने पर देशभर में बड़ा विवाद पैदा हो गया है।

 

राउत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘एक लोकसभा सदस्य दूसरे सांसद को आतंकवादी और अतिवादी कहता है। वह उससे भी आगे जाकर सांसद के धर्म और जाति पर टिप्पणी करता है। यदि विपक्ष के किसी सांसद ने इस प्रकार की अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया होता, तो भी मेरा यही रुख होता।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह गलत है और इस प्रकार के व्यक्ति को संसद में नहीं होना चाहिए। नई संसद की पवित्रता और गरिमा बनाए रखना सभी की जिम्मेदारी है।'' राउत ने इस घटना के बाद बिधूड़ी और अली के क्रमशः भाजपा और विपक्ष के ‘पोस्टर ब्वॉय' बनने की बात को खारिज कर दिया। राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा, ‘‘संसद के नियम सबके लिए समान होने चाहिए।

 

AAP (आम आदमी पार्टी के सांसद) राघव चड्ढा और संजय सिंह के साथ-साथ रजनी पटेल और कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी को निलंबित कर देते हैं, लेकिन बिधूड़ी को महज एक नोटिस भेजते हैं।'' राउत ने नई संसद के बारे में कहा, ‘‘मैं नए संसद भवन के ‘मोदी मल्टीप्लेक्स' होने संबंधी कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य जयराम रमेश की राय से सहमत हूं। नए संसद भवन में पिछले तीन-चार दिन बिताने के बाद मुझे भी ऐसा ही लगा, जैसा रमेश ने इसके बारे में बताया है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मुझे ऐसा महसूस नहीं हुआ कि यह संसद भवन है। मैं पिछले 20 वर्ष से संसद भवन जा रहा हूं। मैं जब भी पुराने भवन से गुजरता था तो मुझे ऐसा लगता था कि देश का इतिहास मेरे साथ है। मुझे नए भवन में यह अनुभव नहीं होता।''

 

उन्होंने कहा कि नए परिसर का कोई इतिहास या वर्तमान नहीं है और ऐसा लगता है कि इसे केवल इसलिए बनाया गया क्योंकि एक ‘‘राजा'' ऐसा करना चाहता था। राउत ने कहा, ‘‘नई इमारत भव्य दिखती है और कोई भी बता सकता है कि इसके निर्माण में बहुत सा पैसा खर्च किया गया है, लेकिन यह अंदर से अस्त-व्यस्त है। इसमें सांसदों के लिए कोई सुविधाएं नहीं हैं, कोई गलियारा नहीं है, कोई अच्छा पुस्तकालय नहीं है, कोई ‘सेंट्रल हॉल' नहीं है। फिर उन्होंने इसे क्यों बनाया। हम अब भी पुरानी इमारत से ही जुड़ाव महसूस करते हैं।'' 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Seema Sharma

Related News