दिवाली पर सिर्फ हिंदू दुकानदारों से खरीदें सामान, NCP विधायक के विवादित बयान पर अजित पवार हुए आगबबूला
punjabkesari.in Sunday, Oct 12, 2025 - 10:28 AM (IST)
नेशनल डेस्क : महाराष्ट्र के सोलापुर जिले में आयोजित हिंदू आक्रोश मोर्चा के दौरान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी-अजित पवार गुट) के विधायक संग्राम जगताप का एक बयान विवादों में घिर गया है। सभा को संबोधित करते हुए जगताप ने हिंदुओं से अपील की कि वे दिवाली के दौरान केवल हिंदू दुकानदारों से ही खरीदारी करें ताकि सारा लाभ हिंदू समुदाय को मिले। इस बयान पर एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने कड़ी नाराजगी जताई है और जगताप को शो-कॉज नोटिस जारी किया है।
संग्राम जगताप का विवादित बयान
सोलापुर में हिंदू आक्रोश मोर्चा के मंच से संग्राम जगताप ने कहा, “मैं आप सभी से विनम्र निवेदन करता हूं कि आप दिवाली के समय केवल हिंदू दुकानदारों से ही सामान खरीदें, ताकि सारा लाभ हमारे हिंदू भाइयों को मिले।” इस बयान को लेकर विपक्षी दलों और सामाजिक संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई है, इसे सांप्रदायिक और विभाजनकारी करार दिया है।
अजित पवार ने जताई नाराजगी
एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने संग्राम जगताप के बयान को पार्टी की सेक्युलर विचारधारा के खिलाफ बताया। उन्होंने जगताप से इस बयान पर स्पष्टीकरण मांगा है। अजित पवार ने कहा कि पार्टी फुले, शाहू और आंबेडकर की विचारधारा पर चलती है और किसी भी तरह के सांप्रदायिक बयान को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पार्टी की सेक्युलर छवि पर सवाल
संग्राम जगताप अहमदनगर शहर विधानसभा क्षेत्र से तीन बार के विधायक हैं और लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। हालांकि, हाल के दिनों में उनके बयान पार्टी की सेक्युलर छवि और फुले, शाहू, आंबेडकर की विचारधारा से हटकर नजर आए हैं। इस बयान से पार्टी के वोटबैंक, खासकर अल्पसंख्यक और सामाजिक समावेशी समुदायों के बीच नाराजगी फैलने की आशंका जताई जा रही है।
शो-कॉज नोटिस जारी
अजित पवार ने संग्राम जगताप को शो-कॉज नोटिस जारी कर उनके बयान पर जवाब मांगा है। अजित पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि एनडीए गठबंधन में शामिल होना केवल राजनीतिक गठजोड़ है, न कि वैचारिक समझौता। उन्होंने कहा कि पार्टी अपनी सेक्युलर विचारधारा पर कायम रहेगी।
वोटबैंक पर पड़ सकता है असर
महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत अजित पवार ने हमेशा सेक्युलर मूल्यों को प्राथमिकता दी है। संग्राम जगताप का यह बयान पार्टी की इस छवि को नुकसान पहुंचा सकता है और इसके वोटबैंक पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
विवाद ने बढ़ाई सियासी हलचल
इस घटना ने महाराष्ट्र की सियासत में हलचल मचा दी है। विपक्षी दल इस मुद्दे को भुनाने की कोशिश में हैं, वहीं सामाजिक संगठनों ने भी इस बयान की निंदा की है। अब सभी की नजर इस बात पर टिकी है कि संग्राम जगताप अपने बयान पर क्या सफाई देते हैं और पार्टी इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है।
