किस्मत के खेल में उलझा बेटा, सरहद पार से आया बाप

Sunday, May 15, 2016 - 06:48 PM (IST)

नई दिल्ली: इसे किस्मत का खेल कहें या बॉलीवुड की कोई स्टोरी। किस्मत का खेल इसलिए क्योंकि एक बाप सरहद पार से भी आकर अपने बेटे को आजाद नहीं करवा पा रहा। बॉलीवुड की स्टोरी इसलिए क्योंकि एक बाप के चेहरे पर औलाद को न देखने का वो गम फिल्मों में बड़ी बाखूबी से दिखाया जाता है, जो इस पाकिस्तानी नागरिक मोहम्मद जहूर के चेहरे पर आप देख सकते हैं। 
 
दरअसल, जहूर का बेटा इरफान समझौता एक्सप्रेस से भारत से पाकिस्तान यानि अपने घर लौटते हुए गायब हो गया। ये मामला उसी दिन का है, जिस दिन समझौता एक्सप्रेस में बम धमाके हुए थे। 2007 के उस धमाके में 60 यात्रियों की मौत हो गई थी। उस वक्त इरफान के डीएनए सैंपल को किसी भी अज्ञात लाश के डीएनए सैंपल से मिलान नहीं हो पाया, जिसके बाद उसे ''गुमशुदा'' घोषित कर दिया गया। 
 
इरफान के पिता मोहम्‍मद जहूर ने उसकी काफी तलाश की, लेकिन 2015 तक उसक कोई पता नहीं चला। 2015 में पता चला की इरफान अमृतसर की एक जेल में बंद है। जहूर ने उसके बाद इरफान से संपर्क करने की कई कोशिशें की। उसने पाकिस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी मामले में हस्तक्षेप करने को कहा, लेकिन सब व्यर्थ रहा। 
 
जहूर ने मजबूर होकर सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उसे वहां निराश नहीं होना पड़ा। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एके सिकरी और जस्टिस आरके अग्रवाल की बेंच ने जहूर की याचिका स्वीकार कर ली और केंद्र को निर्देश दिया कि वो ये पता करे कि क्या इरफान वाकई में भारत की जेल में बंद है? जहूर के वकील केएल जंजानी ने कोर्ट में दलील दी कि इरफान को गैर कानूनी तरीके से गिरफ्तार किया गया है क्योंकि उसके खिलाफ अपराध का एक भी मामला नहीं है। 
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