हिमस्खलन में लापता है साम्बा का सैनिक, सलामती की दुआएं मांग रहा परिवार

Saturday, Dec 16, 2017 - 02:14 PM (IST)

साम्बा : कश्मीर में 12 दिसम्बर को हुए हिमस्खलन में 20 डोगरा रैजीमैंट के 2 लापता जवानों में से एक जवान साम्बा जिला के दूर-दराज के गांव बडला दियोनिया का रहने वाला है। 21 वर्षीय जवान का नाम कौशल सिंह पुत्र चुन्नी सिंह है, जबकि दूसरा जवान सैमी कुमार पठानकोट का रहने वाला हैं। पांच दिन बाद भी दोनों सैनिकों का कोई अता-पाता नहीं होने के चलते घरे में हर कोई सहमा हुआ है और भगवान से यही दुआ कर रहा है कि उनका बेटा सकुशल वापिस घर आ जाए। वहीं पंजाब केसरी की टीम जब शुक्रवार कौशल सिंह के घर पहुंची तो हर तरफ चेहरे पर मायुसी ही दिखी। परिवार के सदस्य हर समय फोन की तरफ ही  नजर गढ़ाए रखते हैं कि कब उन्हें कश्मीर से यह जानकारी मिले की उनका बेटा सकुशल मिल गया है। परिवार में जवान के एक भाई और एक बहन है, जबकि पिता चुन्नी सिंह भी सेना से रिटार्ड हैं। 


 ज्ञात रहे कि कश्मीर में 12 दिसम्बर को जोरदार हिमस्खलन में 2 अलग-अलग जगहों पर कुल पांच जवान लापता हो गए थे, जिनमें तीन जवान तो वापिस अपने ठिकानों पर पहुंच गए, जबकि कुपवाड़ा जिले के नौगाम सैक्टर में 20 डोगरा रैजीमैंट के 2 जवान हिमस्खलन के बाद लापता हो गए। वहीं सेना द्वारा वहां पर लगातार तलाशने के लिए बड़े स्तर पर रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है, परंतु अभी तक उनका कोई पता नहीं चल पा रहा है।
 

सेना के संपर्क में परिवार
इस संबंध में जानकारी देते हुए लापता सैनिक के ताया मोहन सिंह ने कहा कि सेना के अधिकारियों द्वारा उन्हें लगातार जानकारी दी जा रही है कि उनका अभियान कहां तक पहुंच रहा है। उन्होंने कहा कि कश्मीर में मौसम खराब होने के चलते अभियान में थोड़ी दिक्कतें आ रही हंै, लेकिन अधिकारियों ने बताया कि आज मौसम साफ है, जिससे उम्मीद दिख रही है कि कुछ पता चल सके। मोहन सिंह ने कहा कि कौशल सिंह हमेशा चुस्त रहने वाला युवक है, जिससे पूरी उम्मीद है कि व स्वयं ही वहां से बाहर निकल आएगा। उन्होंने कहा कि सेना उसे तलाशने के लिए पूरा प्रयास कर रही है कि उसमें भी जरूर सफल होगी।

पहली भर्ती में ही देश सेवा के लिए पहुंच गया था कौशल सिंह
 साम्बा जिला से 20 किलोमीटर दूर कंडी क्षेत्र बडला दियोनिया के कौशल सिंह का बचपन में ही देश सेवा के लिए जज्बा कुट-कुट कर भरा हुआ है, जबकि पिता सेना में होने के चलते घर में भी देश भक्ति का माहौल रहता था। पढ़ाई के साथ-साथ व दौड़ कुद में भी अब्बल रहा, जिससे बाद अपनी पढ़ाई के दौरान सेना की पहली भर्ती में ही व पास हो गया था और मा-बाप का नाम रोशन करने के लिए पहुंच गया।  दोस्तों ने कहा कि कौशल सिंह गांव के लिए एक मिसाल है, क्योंकि दूर-दराज के गांव के होने के चलते भी व पढऩे और खेल कुद में हमेशा अब्बल रहता था।
 

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