1984 सिख विरोधी दंगे: 31 दिसंबर को सरेंडर कर सकते हैं सज्जन कुमार

Thursday, Dec 27, 2018 - 05:32 PM (IST)

नेशनल डेस्क: सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में उम्रकैद की सजा पाने वाले कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार 31 दिसंबर को अदालत में समर्पण कर सकते हैं क्योंकि दिल्ली उच्च न्यायालय ने यह समय सीमा बढ़ाने का उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया है। सज्जन कुमार के वकील अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत में दायर अपील पर शीतकालीन अवकाश के दौरान 31 दिसंबर से पहले सुनवाई की संभावना नहीं है। 


उच्चतम न्यायालय एक जनवरी तक बंद है और दो जनवरी से वहां सामान्य कामकाज शुरू होगा। उन्होंने कहा कि हम उच्च न्यायालय के फैसले का अनुपालन करेंगे। उच्च न्यायालय ने 1984 के दंगों से संबंधित एक मामले में 17 दिसंबर को 73 वर्षीय पूर्व सांसद सज्जन कुमार को शेष सामान्य जीवन के लिये उम्र कैद और पांच अन्य दोषियों को अलग अलग अवधि की सजा सुनायी थी और उन्हें 31 दिसंबर तक समर्पण करने का आदेश दिया था। अदालत ने अपने फैसले में कहा था कि 1984 के दंगों में दिल्ली में 2700 से अधिक सिख मारे गये थे जो निश्चित ही ‘अकल्पनीय पैमाने का नरसंहार’ था।
    

उच्च न्यायालय ने गत 21 दिसंबर को सज्जन कुमार के उस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया जिसमें उन्होंने अदालत में समर्पण की अवधि 30 जनवरी तक बढ़ाने का अनुरोध किया था। सज्जन कुमार ने यह अवधि बढ़ाने का अनुरोध करते हुये कहा था कि उन्हें अपने बच्चों और संपत्ति से संबंधित कुछ पारिवारिक मसले निपटाने हैं और शीर्ष अदालत में इस फैसले को चुनौती देने के लिये भी समय की आवश्यकता है। 


सज्जन कुमार की संलिप्तता वाला सिख विरोधी दंगों का यह मामला दक्षिण पश्चिम दिल्ली की पालम कालोनी के राज नगर में 1-2 नवंबर, 1984 को पांच सिखों की हत्या और एक गुरूद्वारे को जलाने की घटना के संबंध में है। तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी की 31 अक्टूबर, 1984 को उनकी सुरक्षा में तैनात दो सिख अंगरक्षकों द्वारा गोली मार हत्या करने की घटना के बाद दिल्ली और देश के कुछ अन्य राज्यों में सिख विरोधी दंगे भड़क गये थे। सज्जन कुमार के वकील ने बताया कि शीर्ष अदालत में 22 दिसंबर को दायर अपील की त्रुटियों को दूर कर लिया गया है। मामले में अन्य दोषियों में कांग्रेस के पूर्व पार्षद बलवान खोखर, नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और पूर्व विधायक महेन्दर यादव तथा किशन खोखर शामिल हैं। 

vasudha

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