महिलाओं के प्रवेश पर बोला बोर्ड- सबरीमाला मंदिर को नहीं बना सकते थाईलैंड

Saturday, Oct 14, 2017 - 03:32 PM (IST)

नई दिल्ली: केरल के ऐतिहासिक सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक से संबंधित मामले को जहां सुप्रीम कोर्ट ने संविधान पीठ के पास भेज दिया है तो वहीं मंदिर के बोर्ड ने इसे लेकर विवादित बयान दिया है। त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड (टीडीबी) के चेयरमैन गोपालकृष्णन का कहना है कि वे महिलाओं की एंट्री पर राजी होकर मंदिर को थाईलैंड में तब्दील नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि भले ही सुप्रीम कोर्ट एंट्री के आदेश दे दें, लेकिन मंदिर के रिवाजों को मानने वाली और खुद्दार महिलाएं वहां एंट्री नहीं लेंगी। 

महिलाओं से नहीं कोई व्यक्तिगत दुश्मनी 
गोपालकृष्णन ने कहा कि ऐसा होने पर मंदिर परिसर में कई चिंताजनक मुद्दे उठने लगेंगे। सबसे बड़ा मुद्दा तो महिलाओं की सुरक्षा का होगा और प्रशासन को यहां पर महिला पुलिसकर्मी भी तैनात करनी पड़ेंगी। उन्होंने कहा कि हमारी महिलाओं से कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं, बस इन्हीं कारणों से हम मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ हैं। सुप्रीम कोर्ट भले अनुमति दे दे, लेकिन हमें पूरा विश्वास है कि कोई सम्मानित परिवार ऐसा नहीं चाहेगा। उनके इस बयान की काफी आलोचना हो रही है।

गोपालकृष्णन के बयान का हुआ विरोध
 केरल के मंत्री के. सुरेंद्रन ने इसे लेकर कहा कि गोपालकृष्णन ने इस तरह की टिप्पणी कर महिला समुदाय और भगवान अय्यपा के भक्तों का अपमान किया है और वे इसके लिए माफी मांगे। इंडिया यंग लायर्स एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक को लिंग आधारित भेदभाव बताते हुए निरस्त करने की मांग की है। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह मामला संविधान पीठ को भेज दिया। इससे पहले इसी साल फरवरी में शीर्ष अदालत ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुनवाई के दौरान पिछले साल अप्रैल में केरल सरकार ने कहा था कि वो मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के समर्थन में है।

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