Exclusive Interview : नए साल में कॉमेडी का तड़का है 'सब कुशल मंगल'
punjabkesari.in Thursday, Jan 02, 2020 - 05:11 PM (IST)
नई दिल्ली। नए साल की शुरुआत होते ही बॉलीवुड (Bollywood) भी एंटरटेनमेंट का नया तड़का लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस साल की पहली फिल्म 'सब कुशल मंगल' (Sab Kushal Mangal) अपने कॉमिक फ्लेवर के साथ लोगों को लोट-पोट करने वाली है। 3 जनवरी को रिलीज हो रही इस फिल्म में अक्षय खन्ना (Akshaye Khanna) नजर आने वाले हैं। इसके साथ ही इस फिल्म से प्रियांक शर्मा (Priyank Sharma) और रीवा किशन (Riva Kishan) बतौर एक्टर्स अपना डेब्यू कर रहे हैं। इसे डायरेक्ट किया है करण कश्यप (Karan Kashyap) ने। फिल्म प्रमोशन (Film Promotion) के लिए दिल्ली (Delhi) पहुंचे अक्षय, प्रियांक और रीवा ने पंजाब केसरी (Punjab Kesari)/ नवोदय टाइम्स (Navodaya Times)/ जगबाणी (Jagbani) और हिंद समाचार (Hind Samachar) से खास बातचीत की। पेश हैं बातचीत के प्रमुख अंश...
पहली बार मिला इस तरह का किरदार निभाने का मौका : अक्षय खन्ना
इस फिल्म की कहानी और इसके किरदार बहुत ही खूबसूरत हैं। इसके साथ ही ये एक साफ-सुथरी फिल्म है जिसे आप अपने पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं। मुझे मौका मिला बाबू भंडारी जैसा जबरदस्त किरदार निभाने का ये मेरे लिए खुशी की बात है। इस तरह का किरदार मुझे अपने करियर अब तक नहीं मिला था जिसके कारण मुझे लगा कि ये मेरे लिए एक बहुत ही बड़ा मौका है कमर्शियल स्पेस में कुछ कर दिखाने के लिए।

नेचुरल एक्टर हैं रीवा और प्रियांक
रीवा और प्रियांक की सबसे खास बात थी कि उन्होंने बहुत ही परफेक्ट परफॉर्मेंस दी और उतनी ही दी जितनी स्क्रिप्ट की जरूरत थी। कभी भी ऐसा नहीं लगा कि वो रोल से बाहर जा रहे हैं। कह सकते हैं दोनों डायरेक्टर के विजन के साथ चल रहे थे जिसके कारण ये पर्दे पर बहुत ही नैचुरल दिखे हैं।
कॉमेडी जॉनर है फेवरेट
मैंने बहुत से जॉनर की फिल्में की हैं लेकिन इनमें से कॉमेडी मेरी फेवरेट है। कॉमेडी फिल्में करने में सबसे ज्यादा मजा आता है। कॉमेडी फिल्मों की जर्नी हमेशा लंबी होती है और वो ऑडियंस द्वारा पसंद की जाती है।

मंदिरा जैसी ही हूं मैं : रीवा
फिल्म में मेरा किरदार एक फन लविंग और हिम्मत वाली लड़की मंदिरा शुक्ला का है। जिस खूबसूरती से मेरे किरदार को पर्दे पर दिखाया गया है वो मुझे बहुत पसंद है। कहीं न कहीं मुझे लगता है कि मैं मंदिरा से खुद को काफी रिलेट कर पाती हूं। ये बहुत ही अच्छी कहानी है। शायद हमारे डायरेक्टर को भी हमारे अंदर वो खूबी दिखी होगी जिसके कारण उन्होंने मुझे इस रोल के लिए कास्ट किया।
लोगों के जजमेंट पर नहीं करती फोकसस्टारकिड होने के कारण मुझे पता है लोगों की उम्मीदें हमसे ज्यादा होती हैं लेकिन वहीं लोग हमें जल्दी जज भी करने लगते हैं, हालांकि इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। जो लोगों को सोचना है सोचते रहें। पापा रवि किशन (Ravi Kishan) ने मुझे हमेशा एक ही बात सिखाई है कि मेहनत करते जाना है, उस मेहनत का रिजल्ट क्या निकलता है उस पर फोकस नहीं करना है।

स्क्रिप्ट सुनते ही हो गया था कहानी से प्यार : प्रियांक
इस फिल्म के लिए पहले मुझे कॉल आई। स्क्रिप्ट सुनते ही मुझे इसकी कहानी से प्यार हो गया और महसूस हुआ कि यही वो फिल्म है जो मुझे करनी है। इस रोल के लिए हमने हमारे डायरेक्टर के साथ तीन महीने तक लगातार वर्कशॉप की। फिल्म के सीन, डायलॉग और डायलेक्ट पर खास काम करना पड़ा। इसके साथ ही कैरेक्टर के हैबिट्स पर भी हमें काफी काम करना पड़ा। ये पूरी फिल्म करने में मुझे काफी मजा आया।
मां ने हमेशा समझाए एक्टर बनने के नुकसान
मेरी मां पद्मिनी कोल्हापुरी (Padmini Kolhapure) ने मुझे हमेशा से एक्टिंग करने के नुकसानों के बारे में समझाया है जैसे मुझे बतौर एक्टर बहुत ही ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी, अपनी पर्सनल लाइफ को भूलना पड़ेगा, मैं पब्लिक फिगर बन जाऊंगा और लोग मेरे बारे में बातें करेंगे, मुझे जज करेंगे, वगैरह। जब उन्हें ये समझ आ गया कि मुझे एक्टर बनने के सभी नुकसानों के बारे में पता है और फिर भी मैं एक्टर बनना चाहता हूं तब उन्होंने मुझे कहा कि तुम शुरू करो, मैं तुम्हें सपोर्ट करूंगी।
