नागरिकता बिल: रूपा गांगुली का छलका दर्द, बोली- उस समय बुर्के में न भागती तो...
Thursday, Dec 12, 2019 - 12:22 PM (IST)
नेशनल डेस्क: नागरिकता संशोधन विधेयक ( Citizen Amendment Bill ) को आखिरकार राज्यसभा से मंजूरी मिल गई। गृह मंत्री अमित शाह द्वारा विधेयक को राज्यसभा में पेश किए जाने के बाद सदन में खूब चर्चा और बहस हुई। इस बिल को लेकर जहां विरोध के सुर उठ गए हैं तो वहीं कुछ लोग इसका समर्थन भी कर रहे हैं। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी की नेता रूपा गांगुली ने भी अपना दर्द सांझा किया।
काश मै कहे पाती,मैने खुद क्या झेले है। मै तोह 'खान tiger' की बेगम बन जाती, kidnap करने आये थे मुझे, अगर उस रात मै और मेरि मा बुर्खे मे भाग नही पाती दिनाजपुर से।
— Roopa Ganguly (@RoopaSpeaks) December 11, 2019
Class 7 मे पड़ती थी@AmitShah आप को क्या बताऊ मन्त्री जी, आप और @narendramodi को कितने लोगों की आशीर्वाद मिले है आज https://t.co/JdnNDD5MtA
रूपा गांगुली ने गृहमंत्री अमित शाह के संसद में दिए भाषण का वीडियो जारी करते हुए ट्वीट किया कि काश मैं कह पाती। मैंने खुद क्या झेले हैं। उन्होंने लिखा कि जब वह पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर में सातवीं में पढ़ रही थीं, उस समय उन्हें और उनकी मां को बुर्के में भागना पड़ा था। कुछ लोग उनका अपहरण करने आए और अगर वह ऐसा नहीं करतीं तो वह 'खान टाइगर' की बेगम बन जातीं।
रूपा गांगुली ने लिखा कि अमित शाह आपको क्या बताऊं। आज आप और नरेंद्र मोदी को कितने लोगों के आशीर्वाद मिले हैं। उन्होंने कहा कि हम कहां जाएंगे, अगर भारत हमें जगह न दे? कोई क्यों नहीं सोचेगा? हम कितनी बार बेघर होंगे? मेरे पिता को उनके देश में, कभी नारायणगंज, कभी ढाका, कभी दिनाजपुर में। हम कितनी बार अपने घरों को बदलेंगे? हमें कितनी बार एक शरणार्थी का जीवन जीना पड़ेगा? नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 का धन्यवाद।
राज्यसभा सांसद ने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि मुझे यह देखकर आश्चर्य हो रहा है कि इस मुद्दे पर वह हंस रहे हैं। प्रत्येक टिप्पणी का मजाक उड़ा रहे हैं। यहां तक कि वरिष्ठ महिला नेता भी। मैं उनके हावभाव को देख रही हूं। बेहद दुखद है। बेहद निराशाजनक।