लोकसभा में ओल्ड इंडिया-न्यू इंडिया पर जुबानी जंग, रूडी ने फिर अपनी ही सरकार को घेरा

Thursday, Jul 18, 2019 - 08:07 PM (IST)

नेशनल डेस्कः लोकसभा में गुरुवार को प्रश्नकाल के दौरान कामकाज के श्रेय को लेकर सरकार और विपक्ष में तीखी नौंक-झौंक हुई। सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कार्यों को टोकन यानी प्रतीकात्मक, तो अपने काम को टोटल (पूर्ण) बताया। इस दौरान न्यू इंडिया और ओल्ड इंडिया पर भी सरकार और विपक्ष जुबानी जंग हुई।

दरअसल, जलमार्ग पर सवाल के दौरान काग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि वाराणसी-हल्दिया जलमार्ग को यूपीए सरकार ने मंजूरी दी थी। इस पर जलपोत-परिवहन मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि यूपीए शासन के दौरान घोषणा तो हुई थी। लेकिन वो टोकन था, हमारे समय में टोटल हुआ है। बीते पांच साल में इस जलमार्ग से सात लाख मीट्रिक टन सामान की ढुलाई हुई है।

मंत्री ने कहा कि न्यू इंडिया का अर्थ संसाधनों का उचित समय पर इस्तेमाल करने की परंपरा शुरू करने की है। ओल्ड इंडिया में जलमार्ग से जुड़ी सेवाएं बढ़ाने के बदले बंद कर दी गईं। जबकि 110 जलमार्ग चिह्नित किए हैं। इससे परिवहन व्यवस्था में क्रांतिकारी सुधार आएगा।

राजीव प्रताप रूड़ी ने फिर अपनी सरकार को घेरा
नई सरकार के पहले सत्र में संचार मंत्री, पर्यटन मंत्री के बाद भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूड़ी ने जलपोत परिवहन मंत्री को घेरा। जब मंत्री मंडाविया मंत्रालय में द्रुत गति से काम का दावा कर रहे थे, तभी रूडी ने कहा कि राष्ट्रीय जलमार्ग-1 का पहला जलमार्ग गंगा पर है।

इस योजना के तहत सारण के कालूघाट पर एक इनलैंड वाटर वे बनाने की बात थी। तीन साल गुजरने के बाद भी इस पर कुछ नहीं हुआ। रूडी ने कहा कि राष्ट्रीय जलमार्ग के लिए भले ही 101 जलमार्ग चिह्नित किए गए हैं, मगर इसके लिए महज 600 करोड़ रुपये का बजट बेहद कम है। रूडी के सवाल पर विपक्ष ने भी जम कर मेजें थपथपाईं।

Yaspal

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