RSS मानहानि मामला: अदालत ने रखा राहुल का पक्ष

Wednesday, Jul 27, 2016 - 07:42 PM (IST)

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले की जांच के लिए महाराष्ट्र पुलिस से कहने के निचली अदालत के आदेश में पहली नजर में खामी पाते हुए कहा कि मजिस्ट्रेट पुलिस को निजी आपराधिक मानहानि शिकायत की जांच के लिए नहीं कह सकते क्यांेकि मामला शिकायतकर्ता को साबित करना होता है। 
 
आरएसएस पर महात्मा गांधी की हत्या का कथित रूप से आरोप लगाने संबंधी टिप्पणियों के लिए मानहानि शिकायत का सामना कर रहे राहुल ने शीर्ष अदालत से इसे निरस्त करने का अनुरोध किया है। शीर्ष अदालत ने टिप्पणी की थी कि राहुल को किसी संगठन (आरएसएस) की ‘सामूहिक निंदा’ नहीं करनी चाहिए थी और अगर वह खेद नहीं जताते हैं तो उन्हें सुनवाई का सामना करना होगा। 
 
न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति आरएफ नरीमन की पीठ ने कार्यवाही की शुरुआत में मानहानि कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी और राहुल द्वारा दायर याचिका सहित अन्य याचिकाओं पर सुनाए गए पिछले फैसले का जिक्र किया और कहा कि न्यायिक मजिस्ट्रेट पुलिस से निजी मानहानि शिकायत की जांच के लिए नहीं कह सकते।
Advertising