स्वतंत्रता आंदोलन में कांग्रेस के त्याग, तपस्या और कुर्बानी को भुलाना चाहते हैं RSS और भाजपा: गहलोत
punjabkesari.in Saturday, Nov 08, 2025 - 01:00 AM (IST)
नेशनल डेस्कः राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर राष्ट्र गीत ‘वंदे मातरम' की 150वीं वर्षगांठ समारोह के कार्यक्रमों का राजनीतिकरण करने और इस ऐतिहासिक मौके का उपयोग स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत को कमजोर करने के लिए करने का आरोप लगाया।
गहलोत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) व भाजपा स्वतंत्रता आंदोलन में कांग्रेस की त्याग, तपस्या और कुर्बानी की विरासत को भुलाना चाहते हैं। हालांकि, पूर्व मुख्यमंत्री ने राष्ट्र गीत की 150वीं वर्षगांठ मनाने के फैसले का स्वागत किया लेकिन आग्रह किया कि इस अवसर को समावेशी बनाया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह एक राष्ट्रीय उत्सव हो, न कि भाजपा का कार्यक्रम। ‘वन्दे मातरम' के 150 वर्ष पर राज्य में अनेक कार्यक्रम हुए।
गहलोत ने मीडिया से कहा, ‘‘मेरा आरोप है कि ये लोग विरासत को समाप्त करना चाहते हैं, आजादी की शानदार विरासत ... त्याग, तपस्या और कुर्बानी की परंपरा को भुलाने की कोशिश की जा रही है।'' उन्होंने कहा कि कांग्रेस की विरासत वही है जो देश के स्वतंत्रता आंदोलन की विरासत है जिसका उन्हें गर्व है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि ‘‘किसी को अधिकार नहीं कि वह इस विरासत को समाप्त कर दे और आने वाली पीढ़ियां केवल आरएसएस या भाजपा को ही इतिहास में याद रखें। यह हमें मंजूर नहीं होगा।''
गहलोत ने कहा, ‘‘ये (आरएसएस-भाजपा) आत्मग्लानि में हैं। इनका विश्वास कभी संविधान में नहीं रहा। वंदे मातरम् 1896 में स्वतंत्रता सेनानियों के लिए प्रेरणा गीत बन गया, और कलकत्ता अधिवेशन में पहली बार गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर ने इसे गाया। तब से यह गीत कांग्रेस की ब्लॉक कमेटी, जिला समिति या अधिवेशन हर जगह नियमित रूप से गाया जाता रहा है।''
कांग्रेस नेता ने आरएसएस द्वारा “नमस्ते सदा वत्सले” गाने पर कहा कि ‘‘आपका गीत तो ‘नमस्ते सदा वत्सले' है तथा पूछा कि कभी आरएसएस की शाखाओं में वंदे मातरम गाया है और क्या कभी वंदे मातरम की चर्चा भी की गई है?''
बिहार विधानसभा चुनावों पर गहलोत ने कहा कि पार्टी पर्यवेक्षकों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार महागठबंधन अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, लेकिन मतदान प्रतिशत में वृद्धि ने संदेह पैदा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा प्रवासी बिहारी कामगारों को ट्रेन टिकट देकर राज्य वापस ला रही है और कुछ मतदाताओं को मतदान केंद्रों पर न जाने के लिए कहा जा रहा है क्योंकि उनकी ‘‘हाजिरी वैसे ही लग जाएगी।''
