मोदी के आदेश के बाद भी नेताओं के सिर से नहीं उतरा 'लाल बत्ती' का नशा
Monday, May 01, 2017 - 02:45 PM (IST)
नई दिल्लीः नेताओं-अफसरों समेत हर तरह के वीआईपी की गाड़ियों पर से लाल, पीली और नीली बत्ती का इस्तेमाल आज से बंद हो जाएगा। मोदी कैबिनेट के आदेश के बाद कई नेता एक्शन में आ गए थे और उसी दिन गाड़ी से लाल बत्ती उतार दी थी लेकिन अभी भी कई नेताओं का वीआईपी कल्चर से मोह टूट नहीं रहा है। पटना, कोलकाता व कई राज्यों के नेताओं ने अभी तक अपनी गाड़ी से लाल बत्ती नहीं उतारी है। बिहार में सत्ताधारी गठबंधन में शामिल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक बी. वीरेन्द्र से जब मीडिया ने उनकी गाड़ी पर लाल बत्ती लगे होने पर सवाल किया तो उन्होंने कड़े तेवर दिखाते हुए कहा कि कौन-से कैबिनेट का फैसला है? अगर हमारे राज्य की सरकार आदेश देगी तो हम उसका पालन करेंगे। कोलकाता के मंत्रियों ने भी यही कहा कि जब तक उनकी राज्यसरकार की तरफ से कोई आदेश नहीं आता तब तक हम लाल बत्ती गाड़ी से नहीं उतारेंगे।
Kaunse cabinet ka fesla hai? Agar humare rajya ki sarkar aadesh degi toh uska paalan karenge: B Virendra,RJD MLA on ban on use of red beacon pic.twitter.com/CAobfHUciB
— ANI (@ANI_news) May 1, 2017
बता दें कि केन्द्र सरकार के नियम के मुताबिक आज (1 मई, 2017) से लाल बत्ती लगाने पर रोक लग गई है। 19 अप्रैल को केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने व्हीकल एक्ट में संशोधन किया था जिसके मुताबिक देश में वीआईपी कल्चर का प्रतीक बनी लाल-पीली और नीली बत्तियों के इस्तेमाल पर 1 मई 2017 से रोक लगाने को मंजूरी दी गई थी। इस नियम के मुताबिक अब हर तरह की वीआईपी गाड़ियों पर लाल, पीली और नीली बत्ती का इस्तेमाल बंद हो जाएगा। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री हो या कोई भी मंत्री उनकी गाड़ियों से लालबत्ती हट जाएगी। इस नियम के दायरे में ब्यूरोक्रेट और सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के जज समेत सभी वीवीआईपी शामिल हैं। वहीं अब अगर किसी भी गाड़ी पर बत्ती लगी मिली तो मोटर व्हीकल एक्ट के तहत ट्रैफिक इंस्पेक्टर न सिर्फ बत्ती उतरवाएगा, बल्कि 3000 रुपए जुर्माना भी करेगा।