मतदाताओं से छिना सरकार चुनने का अधिकार, सूची से गायब हुआ नाम

Sunday, May 12, 2019 - 05:05 PM (IST)

नेशनल डेस्क: मोहम्मद शौकीन और उनके परिवार के बारह सदस्य रविवार को अपना वोट नहीं डाल सके, क्योंकि उनका नाम मतदाता सूची से गायब था। जबकि वे 32 साल से दिल्ली में एक ही पते पर रह रहे हैं। दक्षिण दिल्ली के संगम विहार के डी ब्लॉक इलाके में अपने परिवार के साथ रहने वाले 68 साल के शौकीन अकेले व्यक्ति नहीं हैं जो लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं कर सके। शौकीन ने कहा कि यह स्वीकार्य नहीं है। हम इलाके के मूल निवासी हैं। हमने अपना घर भी नहीं बदला है और हमारे पास सारे दस्तावेज हैं। हमारे घर कोई भी पर्ची देने नहीं आया। हम सालों से मतदान करते आए हैं।



दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी रणबीर सिंह ने कहा कि वह और उनका कार्यालय पिछले छह महीने से लोगों से कह रहे थे कि मतदाता सूची में अपना नाम जांच लें। उन्होंने कहा कि कई जागरूकता अभियान चलाए गए। लोगों को मतदान के लिए जाने से पहले अपना नाम जांचना चाहिए था। अगर उनका नाम वहां नहीं था तो उन्हें फॉर्म छह भरना चाहिए था। हम 13 अप्रैल तक फॉर्म स्वीकार कर रहे थे। तुगलकाबाद एक्सटेंशन के निवासी 39 वर्षीय संजय कुमार भी अपना वोट नहीं डाल पाए। कुमार ने कहा कि यह बहुत खराब है। मेरा यहां अपना घर है। मैं अपने जन्म से यहां रह रहा हूं। मेरे पास आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड और सारे अन्य दस्तावेज हैं। मैं पिछले तीन घंटे से तलाश रहा हूं लेकिन मेरा नाम वहां नहीं था। 


नई दिल्ली में रहने वाले और सरकारी नौकरी से सेवानिवृत्त 66 साल के रणबीर आनंद ने कहा कि मैं सुबह जल्दी वोट डालने आ गया था। मैंने दो घंटे तक इंतजार किया और तब तक वे मेरा नाम तलाशते रहे। मैं चार दशक से मतदान कर रहा हूं बावजूद इसके मेरा नाम मतदाता सूची में नहीं था।चांदनी चौक में रहने वाले फिरोज अहमद की भी यही स्थिति थी। 32 साल के कपड़ा कारोबारी अहमद ने कहा कि मेरे परिवार के तीन सदस्य मतदान नहीं कर सके क्योंकि उनका नाम मतदाता सूची में नहीं था। उन्हें वापस जाना पड़ा दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि लोगों को नजफगढ़ विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची में अपना नाम ही नहीं मिला। 


गहलोत ने ट्वीट कर कहा कि यह सच है कि बड़े स्तर पर मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए हैं। ये सभी नजफगढ़ के जय विहार के निवासी हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से पूछा कि इस बारे में उसका क्या कहना है। मतदाताओं से उनका संवैधानिक अधिकार छीनने के लिए कौन जिम्मेदार है। दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने ट्वीट कर कहा कि इस बार मतदाताओं के नाम सूची से हटा दिए गए। ये सभी पहले नियमित मतदाता रहे हैं। उन्होंने इसके साथ ही मतदाता पहचान पत्र थामे उन लोगों की तस्वीर भी पोस्ट की जिनके नाम मतदाता सूची में नहीं थे। राजधानी में 1.43 करोड़ मतदाता हैं जिनमें से 78,73,022 पुरुष और 64,42,762 महिलाएं और 669 तीसरे लिंग के मतदाता हैं। ये मतदाता 164 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे, जिनमें 18 महिलाएं शामिल हैं। दिल्ली में 43 निर्दलीय भी मैदान में हैं। 
 

vasudha

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