चीन के हवाला रैकेट पर बड़ा खुलासा, दलाई लामा की जासूसी के लिए दिल्ली के कुछ लामाओं को दी गई रिश्वत

Sunday, Aug 16, 2020 - 10:09 PM (IST)

नेशनल डेस्कः दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हवाला रैकेट मामले और जासूसी के आरोप में चीनी नागरिक लुओ सांग उर्फ चार्ली पेंग को गिरफ्तार किया है। आरोपी करीब 7 साल से चार्ली पेंग के फर्जी नाम से भारत में रह रहा था। आरोपी न केवल भारत में सफलतापूर्वक हवाला रैकेट चला रहा था, बल्कि जासूसी का काम भी कर रहा था। आयकर विभाग सहित कई जांच एजेंसियां पेंग से पूछताछ कर रही हैं।

सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में पता चला है कि पेंग के जरिए चीनी खुफिया एजेंसियों ने दिल्ली में निर्वासित रह रहे तिब्बतियों को रिश्वत देने की कोशिश की थी। उनके निशाने पर उत्तरी दिल्ली के मजनू का टीला में रहने वाले लामा और भिक्षु थे। पेंग ने कभी उन्हें सीधे पैसे नहीं दिए लेकिन इसके लिए उसने अपने कार्यालय के कर्मचारियों का इस्तेमाल किया। मजनू का टीला में जिन लोगों को रिश्वत दी गई है, उनकी पहचान की जा रही है। पेंग का दावा है कि उसके कार्यालय के कर्मचारियों ने पैकेट में पैसे का भुगतान किया जिसमें आमतौर पर दो से तीन लाख रुपए थे।

2014 में आया था भारत, सबसे पहले किया नूडल्स का कारोबार
सूत्रों के अनुसार पूछताछ में पेंग ने बताया है कि उसने भारत में पहली बार कदम साल 2014 में रखा था। उसने यहां दिल्ली में नूडल्स का काम शुरू किया था और बाद में बढ़ते-बढ़ते हवाला रैकेट तक जा पहुंचा। पेंग ने हिमाचल प्रदेश और दिल्ली में स्थित दलाई लामा की टीम में घुसपैठ करने के कई प्रयास किए थे। 

बता दें कि पिछले सप्ताह आयकर विभाग ने दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी के अन्य हिस्सों में छापेमारी की थी। आयकर विभाग का कहना है कि पेंग और अन्य चीनी नागरिकों ने फर्जी चीनी कंपनियों के नाम पर 40 बैंक खाते खोले और 1000 करोड़ रुपए से अधिक राशि की मनी लॉन्ड्रिंग (धन शोधन) की।

बातचीत के लिए करता था चीन के एप 'वीचैट' का इस्तेमाल
पंजीकृत चीनी कंपनियों पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी कंपनियों के जरिए भारत के खुदरा बाजार में प्रवेश करने के लिए 100 करोड़ रुपए लिए। वहीं उसकी बातचीत की निगरानी न हो सके इसलिए उसने अपने साथियों से संवाद स्थापित करने के लिए चीनी एन्क्रिप्टेड एप्लिकेशन 'वी चैट' का इस्तेमाल किया था। 

पेंग को पहली बार 2018 में दिल्ली पुलिस की विशेष सेल ने गिरफ्तार किया था। तब उसके पास से दो फर्जी आधार कार्ड और एक जाली भारतीय पासपोर्ट मिला था। उसपर धोखाधड़ी, जालसाजी और पासपोर्ट अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। हालांकि एक साल बाद उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया।

Yaspal

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