आरटीआई में खुलासा, यूपीए सरकार में हर महीने टेप हो रही थीं 9000 कॉल्स, देखे जा रहे थे 500 ई-मेल

Saturday, Dec 22, 2018 - 11:57 PM (IST)

नेशनल डेस्कः केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए 10 केंद्रीय एजेंसियों को देश के सभी कंप्यूटर्स की मॉनिटरिंग और इंटरसेप्ट करने की क्षमता दे दी है। अब ये एजेंसियां न सिर्फ आपके ई-मेल बल्कि आपके कंप्यूटर में रखे हर तरह के डेटा की निगरानी कर सकती हैं, कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल इसका विरोध कर रहे हैं लेकिन आरटीआई में हुए खुलास को देखा जाए तो पता चलता है कि यूपीए-2 सरकार के दौरान हर महीने केंद्र सरकार की ओर 7500-9000 फोन कॉल्स के इंटरसेप्शन के आदेश जारी किए जाते थे। इसके अलावा 500 ईमेल्स की भी निगरानी की जाती थी। यानी हर महीने 300 फोन कॉल्स और 20 ईमेल्स इंटरसेप्ट किए जाते थे।
2013 में यूपीए सरकार ने एक आरटीआई का जवाब देते हुए बताया था कि 10 एजेंसियों को इंटरसेप्शन का अधिकार दिया गया है। पुरानी आरटीआई में दिए गए इस जवाब को मोदी सरकार के लिए राहत की बात मानी जा रही है। ऐसा बताया जा रहा है कि मुंबई बम हमले के बाद यूपीए सरकार ने इस तरह के आदेश जारी किए थे।

6 अगस्त 2013 को प्रसेनजीत मंडल के आरटीआई के जवाब में गृह मंत्रालय ने बताया था कि केंद्र सरकार की ओर से हर महीने औसतन 7500-9000 फोन कॉल्स इटसेप्ट करने के आदेश जारी किया गया था। इसके अलावा हर महीने औसतन 300 से 500 ईमेल्स के इंटरसेप्शन के आदेश दिए जाते थे।
एजेंसियां निगरानी कर सकती हैं केंद्र सरकार के इस आदेश के बाद विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर निशाना साधा है। राहुल गांधी ने कहा कि मोदी इस देश को पुलिस स्टेट में बदलना चाहते हैं। इसका जवाब देते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने राहुल की चुटकी लेते हुए कहा था कि क्या डर है, जो छुपा रहे हो। दूसरे कई नेताओं ने इसे व्यक्तिगत आजादी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया था। लेकिन पुरानी आरटीआई से खुलाता हुआ है कि निगरानी कोई नई बात नहीं है। राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर यह पहले से की जाती रही है। 

Yaspal

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