हिंदू धर्म में लौटी अथिरा ने सुनाई धर्म परिवर्तन की खौफनाक कहानी

Saturday, Sep 23, 2017 - 04:59 PM (IST)

कोच्चि: केरल के कासरगोड जिले में 23 साल की आथिरा के धर्म परिवर्तन कराने के मामले में नया मोड़ आ गया है। वह अब फिर से हिंदू धर्म में लौट आई है। जुलाई में अपना परिवार छोड़ के इस्लाम धर्म अपनाने वाली आथिरा ने आरोप लगाया कि दोस्त के बहकावे में आकर उसकी आस्था बदल गई और उसने धर्म परिवर्तन करा लिया। अथीरा ने धर्म परिवर्तन के बाद अपना नाम आयशा रख लिया था।  

घर छोडऩे से पहले लिखा 15 पन्नों का खत 
अथिरा 10 जुलाई को अस्पताल जाने की बात कहते हुए अपने घर से निकली थी। बाद में घरवालों को अथिरा का लिखा 15 पन्नों का खत मिला था जिसमें उन्होंने इस्लाम अपनाने की बात कही थी। इसके अलावा उन्होंने अपने मामा को फोन करके कहा था कि वह शांति की तलाश में जा रही हैं। इसके बाद उसके परिवार वालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिस पर वह मजिस्ट्रेट के सामने पेश हुई। 27 जुलाई को उसे महिला संरक्षण गृह भेज दिया गया। बाद में केरल हाईकार्ट के आदेश पर उसे परिवार के साथ रहने के लिए भेज दिया गया। हालांकि कोर्ट ने यह शर्त रखी थी उन्हें इस्लाम की पढ़ाई जारी रखने दी जाएगी और उन्हें जबरन हिंदू धर्म अपनाने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा। 

अथिरा को अपनी गलती का हुआ अहसास
अथिरा के मुताबिक, उन्हें जल्द अपनी गलती का अहसास हुआ और वह अपने मूल धर्म में लौट आई। उसने बताया कि उसके सभी दोस्त मुस्लिम थे जिन्होंने हिंदू धर्म के खिलाफ उन्हें बहकाया। वह हिंदू धर्म की खामियां उन्हें गिनाते थे। वह उनसे कहते थे कि कैसे किसी पत्थर की पूजा करके मदद की उम्मीद की जा सकती है। वह उन्हें यह भी बताते कि इस्लाम में केवल एक भगवान ‘अल्लाह’ है। अथिरा ने बताया कि घर छोडऩे के बाद अनीसा और सिराज के जरिए वह एसडीपीआई (सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया) और पीआफआई (पॉप्युलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के संपर्क में आई। जिन्होंने ही उसे पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने और अपने माता-पिता के पास जाने से पहले टीवी पर इंटरव्यू देने के लिए कहा।

नरक के बारे में उसे पढ़ाई गई किताब
अथिरा के मुताबिक उन्हें जाकिर नाइक जैसे लोगों के भाषण सुनाए जाते थे जिसमें यह तर्क दिया जाता था कि बाकी सब धर्म गलत हैं, केवल इस्लाम सही है। यह सुनकर उसे लगता कि इस्लाम ही सर्वश्रेष्ठ है। उसे नरक के बारे में एक किताब भी दी गई जिस पढ़कर उसे लगा कि उसके साथ भी वहीं होगा जो किताब में कहा गया है। अथिरा ने बताया कि अब जब वह अपने परिवार क साथ रह रही है तो उसे अहसास हुआ है कि लोगों को जब अपने धर्म के बारे में पूरा ज्ञान नहीं होता तब वह दूसरे धर्म की ओर आकर्षित होते हैं। वह कहती हैं कि पहले अपने धर्म को पढ़ें और फिर फैसला करें कि क्या अच्छा है। वह चाहती हैं कि जिस तरह वह गुमराह हो गईं, वैसे कोई और न हो।

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