कोरोना से जंग में सेना के रिटायर्ड डॉक्टर भी उतरे, 600 को ड्यूटी पर किया जाएगा तैनात

Saturday, May 01, 2021 - 11:42 PM (IST)

नेशनल डेस्कः भारत में बढ़ते कोरोना संक्रमण पर रोक लगाने के लिए सेना ने कमर कस ली है। कोरोना के खराब होते हालातों को देखते हुए भारतीय सेना की ओर से इस लड़ाई में दिए जा रहे योगदान की समीक्षा खुद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर रहे हैं। शनिवार को रक्षामंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सेना  की तरफ से उठाए जा रहे कदमों और आगे के कदमों पर बैठक की।

बैठक में रक्षा मंत्री को ये जानकारी दी गई की अस्पतालों में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की कमी न हो लिहाजा पिछले कुछ सालों में सेना से रिटायर हो चुके करीब 600 डॉक्टरों को कोरोना ड्यूटी के लिए बुलाया गया है, जिससे अतिरिक्त डॉक्टर उपलब्ध हो गए हैं, जिन्हें सेना और सिविल अस्पतालों में सहयोग के लिए तैनात किया गया है।

इसके अलावा नौसेना के 200 बैटल फ़ील्ड नर्सिंग असिस्टेंट को भी अलग-अलग सिविल अस्पतालों तैनात किया गया है। यही नहीं महाराष्ट्र, उत्तराखंड और हरियाण के कई जगह पर एनसीसी के कैडेट और स्टाफ ने अपनी सेवाएं देनी शुरू कर दी है। आधिकारिक जानकारी के अुसार तकरीबन 300 कैडेट और स्टाफ है जो की कोरोना ड्यूटी पर लगाए गए हैं।
अलग-अलग राज्यों में सेना ने की 720 बेड की व्यवस्था।

साथ ही रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को इस बात की भी जानकारी दी गई कि सेना ने 720 बेड की व्यवस्था स्थानीय प्रशासन के लिए देश के अलग-अलग राज्यों में की है और जल्द ही हेल्थ वेट्रन के जरिए स्वास्थ संबंधी परामर्श के लिए टेली मेडेसिन सर्विस भी शुरू की जा रही है। राजनाथ सिंह को बताया गया कि इसके जरिए घर पर रह रहे मरीजों को परामर्श दिया जा सकेगा। रक्षामंत्री ने निर्देश दिए की इन सबकी जानकारी राज्य सरकारों तो दी जाए।

बैठक में मौजूद सीडीएस जन बिपिन रावत ने रक्षामंत्री को बताया कि लोकल मिलेट्री कमॉड स्थानीय प्रशासन के साथ संपर्क बनाए हुए है और उनकी मदद पूरी तरह से की जा रही है। डीआरडीओ की तरफ से बनाए जा रहे कोरोना अस्पताल की मौजूदा स्थिति के बारे में डीआरडीओ चेयरमैन ने जानकारी दी की जिसमें लखनऊ का 500 बेड का अस्पताल भी अगले 2-3 के भीतर संचालन शुरू हो जाएगा. वहीं, बनारस में बनाया जा रहा कोविड अस्पताल 5 मई तक पूरा हो जाएगा।

Yaspal

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