ट्रंप की जान पर क्यों बन आई ?

Tuesday, Jun 21, 2016 - 02:20 PM (IST)

लॉस वेगास रैली में अमरीकी राष्ट्रपति पद के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प बाल-बाल बच गए। पुलिस अधिकारी से बंदूक छीनने का प्रयास कर रहे युवक को दबोच लिया गया अन्यथा ट्रंप पर जानलेवा हमला हो सकता था। अदालत के आदेश पर उसे हिरासत में भेज दिया गया है, लेकिन सवाल उठाए जा रहे हैं कि ट्रंप को मारने का क्या मकसद हो सकता है ? यह युवक मूल से ब्रिटेन का निवासी है। उसकी ट्रंप से क्या नाराजगी हो सकती है ?  

माइकल सैंडफोर्ड नामक यह युवक पिछले डेढ़ साल से अमरीका के न्यू जर्सी में रह रहा था। ट्रम्प को मारने के इरादे से लॉस वेगास आया था। यहां उसकी साजिश विफल हो जाती तो वह ट्रम्प को दुबारा मारने का एक और प्रयास करता। इससे जाहिर होता है कि वह कितनी तैयारी के साथ आया था। फीनिक्स में हुई रैली में भी वह अपने इरादों को अंजाम नहीं दे पाया।

वह ठान कर आया था कि लॉस वेगास रैली में भी उसकी साजिश यदि विफल हो जाती तो अगली रैली के लिए भी तैयार था। यानि वह जल्दबाजी में नहीं था, एक साल से इस साजिश को रच रहा था। वह आराम से ट्रंप को निशाना बनाना चाहता था। उसके इन्हीं इरादों को देखकर अमरीका के प्रॉसिक्यूटर ऑफिस ने सैंडफोर्ड को खतरनाक बताया है।

हालांकि ट्रम्प को सीक्रेट सर्विस से भी प्रोटेक्शन मिला हुआ है, लेकिन वे अपनी सिक्युरिटी लेकर भी चलते हैं। सैंडफोर्ड यह कदम क्यों उठाना चाहता था, इसका खुलासा होना अभी बाकी है। लॉस वेगास की इस घटना को साधारण नहीं माना जा सकता। इससे पहले की रैलियों से ट्रम्प के कई विरोधी गिरफ्तार चुके हैं, लेकिन उनमें किसी ने ट्रंप की जान लेने का प्रयास नहीं किया था।  

वेबसाइट बजफीड द्वारा बनाई गई एक सूची के सोशल मीडिया में काफी चर्चित रही है। इसमें शामिल किए गए ट्रम्प के वे बयान हैं जो उन्होंने 90 के दशक के दौरान विवादित डीजे हॉवर्ड स्ट्रेन के रेडियो शो में दिए थे। ये बयान उस समय आए जब कुछ महीनों बाद ही 1997 में प्रिंसेंस डायना की पेरिस कार एक्सीडेंट में मौत हो गई। ट्रम्प ने स्ट्रेन से कहा था कि वह  डायना के साथ सो सकते थे। उन्होंने यही इच्छा सैंडी क्राफ्रर्ड जैसी अन्य चर्चित महिलाओं के लिए भी जताई थी। इस शो में ट्रम्प और जॉकी महिलाओं की खूबसूरती को लेकर अक्सर चर्चा करते रहते थे।

न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार इस हमले के बाद भी ट्रंप के इमीग्रेशन और आतंकवाद के नजरिये में बदलाव नहीं आया है। ओरलैंडो के बाद अपने पहले भाषण ने उन्होंने अमरीका से मुस्लिमो के सफाए पर जोर दिया। मुख्य धारा से जुड़े मुसलमानों और इस्लामिक आतंकवादियों में अंतर किए बिना ट्रंप सुझाव देते हैं कि सभी मुस्लिम अप्रवासी अमरीका की सुरक्षा के लिए खतरा हैं। 

वे कहते हैं कि दुनिया के किसी भी हिस्से से मुसलमानों के अमरीका आने पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। उनकी निगाह में अमरीका और इसके मित्र देशों के विरुद्ध आतंकवाद प्रमाणित इतिहास बन चुका है। ओरलैंडो में हुई गोलीबारी की घटना को वह हमले से पूर्व की एक चेतावनी मानते हैं।

सवाल है कि सैंडफोर्ड क्यों मारना चाहता था ट्रंप को ? उसकी साजिश का   प्रमुख कारण यह भी माना जा रहा है ​कि अमरीका में राष्ट्रपति पद के लिए हाल के इतिहास का सबसे घृणित चुनाव अभियान शुरू हो चुका है। इसमें हिंसक भाषणबाजी भी शामिल है। ट्रंप ने लगातार मेक्सिको के लोगों, मुस्लिमों और अन्य समूहों को निशाना बनाया हैं। उनकी रैलियों में बड़ी संख्या में दंगा पुलिस तैनात की जाती है और इस दौरान कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार भी किया गया है। 

माना जा रहा है कि हाल के महीनों में उनकी रैलियों के दौरान किए जाने वाले प्रदर्शनों में इजाफा भी हुआ हैं। क्या सैंडफोर्ड अप्रवासियों के प्रति ट्रंप के रवैये से नाराज था ? दूसरा, उसकी बैंकग्राउंड क्या है ? तीसरा, इस प्रयास के पीछे कोई बड़ा कारण हो सकता है। चौथा, वह एक साल से इंतजार क्यों कर रहा था और पांचवां, किसी समुदाय के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार द्वारा दिए गए बयानों से उसका मन नफरत से क्यों भर गया ? सैंडफोर्ड से होने वाली पूछताछ के बाद ही इन सारे सवालों के जवाब मिल सकते हैं।

 
 
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