पढ़िए... आखिर 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है Republic Day?

Saturday, Jan 25, 2020 - 12:51 PM (IST)

 नई दिल्ली: 26 जनवरी, 1950 को भारत का संविधान प्रभावी हुआ था। यही वजह है कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार हम 71वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं यह 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है? पहली बार राष्ट्रीय ध्वज कहां फहराया था? तो आइए हम आपको बताते हैं कि रिपब्लिक डे के बारे में कुछ ऐसे फैक्ट्स जो शायद ही आप जानते होंगे। हमारे नेता डोमिनन स्टेटस के पक्ष में थे। जहां पर यूके का मोनार्च ही भारतीय संविधान का अध्यक्ष होगा।



साल 1927 के दरमियान भगत सिंह और हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोशियशन की भारतीय राजनीति में मांग बढ रही थी। कांग्रेस से अलग भगत सिंह और उनकी फौज ने भारत की पूरी आजादी की बात रखी। अब इससे इंडियन नेशनल कांग्रेस के जो युवा नेता थे सुभाष चंद्र बोस, जवाहर लाल नेहरु वे भी प्रभावित हो गए। उन्होंने कांग्रेस से मांग की वे भी पूरी आजादी की मांग करे, लेकिन उनकी ये आवाज सुनी नहीं गई। 

दिसंबर 1928 में आईएनसी ने डोमिनन स्टेटश की मांग करते हुए एक प्रस्ताव लाई, और ब्रिटिश सरकार को एक साल का समय दिया। ब्रिटिश ने इस विचार को नकार दिया, ये कहते हुए कि भारत डोमिनन स्टेटस के लिए अभी तैयार नहीं है। अब इससे कांग्रेस नाराज हो गई। लाहौर में 1929 में एक सेशन के दौरान नेहरू को अध्यक्ष चुन लिया गया। और कांग्रेस ने डोमिनन स्टेटस से अलग पूर्ण स्वराज के लिए वोट किया। इसके बाद एक प्रस्ताव पारित हुआ कि 1930 में जनवरी के आखिरी रविवार को स्वतंत्रा दिवस के रुप में मनाया जाए। जनवरी का आखिरी रविवार 1930 में 26 तारीख को पड़ा। इस दिन जवाहर लाल नेहरु ने लाहौर में रवि नदी के किनारे तिरंगा फहराया। इसके बाद भारत ने 26 जनवरी 1930 को स्वतंत्रा दिवस के रुप में मनाया लेकिन ब्रिटिश अभी भारत में ही थे। 



15 अगस्त 1947 से पहले जब भारत को आजादी मिली, हमारी संविधान सभा जिसका गठन 1946 में हो गया था, और हमारा संविधान 26 नवंबर 1949 तक तैयार हो गया था। तब जो नेता थे उन्होने दो महीने और रुकने का निर्णय लिया। ऐसे में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

Anil dev

Advertising