"ट्रंप ऑफ ट्रॉपिक्स" इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में बने चीफ गेस्ट

Sunday, Jan 26, 2020 - 09:05 PM (IST)

नेशनल डेस्कः देश ने आज अपना 71 वां गणतंत्र दिवस समारोह पूरे धूम-धाम से मनाया। इस समारोह के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो को चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया गया था। बहुत कम ही लोग जानते हैं कि बोलसोनारो की यह पहली भारत यात्रा थी। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बोलसोनारो से मुलाकात की थी, इस दौरान दोनों नेताओं के बीच 15 समझौते हुए थे। इनमें कई महत्वपूर्ण चीजें शामिल थीं। एक बात और भी कही जाती है कि ब्राजील के राष्ट्रपति की गिनती अति दक्षिणपंथी नेता के तौर पर की जाती है, उन्हें वहां का ट्रंप भी कहा जाता है। मीडिया उन्हें 'ट्रंप ऑफ ट्रॉपिक्स' यानि ब्राजील का ट्रंप कहते हैं।

 

उनके चुनाव और सोशल मीडिया प्रचार की तुलना ट्रंप के चुनावी प्रचारों से की गई थी। बोलसोनारो के प्रतिद्वंदी रहे सिराओ गोमेज उन्हें 'ब्राजील का हिटलर' भी कह चुके हैं। बोलसोनारो का जन्म 21 मार्च,1955 को साउ पाउलो के कैंपिनास शहर में हुआ था। साल 1977 में उन्होंने अगलस नेग्रास मिलेट्री अकादमी से ग्रेजुएशन किया। साल 1986 में उन्हें एक पत्रिका में लिखे लेख के लिए जेल जाना पड़ा था। इस लेख में उन्होंने सेना की कम तनख्वाह की शिकायत की थी। यदि उनके वैवाहिक जीवन की बात करें तो उन्होंने तीन शादियां की है। साल 1990 में वे पहली बार कांग्रेस गए थे। साल 2014 में रियो डी जेनेरियो से बतौर कांग्रेस उम्मीदवार उन्हें सबसे ज्यादा वोट मिले थे।

 

खास बात ये है कि इस दौरान भी उन्होंने कई भड़काऊ बयानों से सुर्खियां बटोरी थीं। साल 2016 में जब तत्कालीन राष्ट्रपति डिल्मा रोसेफ पर चल रहे महाअभियोग के दौरान कांग्रेस सदस्यों द्वारा मतदान किए जा रहे थे उस वक्त बोलसानरो ने दिवंगत नेता कर्नल एलबर्टो उस्तरा को अपना वोट दिया था। एलबर्टो ब्राजील के बेहद विवादित नेता हैं। जिन पर देश में सेना की तानाशाही के दौरान कैदियों को प्रताड़ित करने का आरोप है। इसी साल उन्होंने अपनी सहयोगी पर बेहद विवादित और अपमानजनक बयान दिया। आपको याद होगा अमेजन के जंगलों में कुछ माह पहले आग लगी थी। अमेजन के जंगलों में लगी इस आग के लिए भी बोलसोनारो को जिम्मेदार माना जा रहा था। लोगों का कहना था कि बोलसोनारो की नीतियां अमेजन के जंगलों में लगी आग के लिए जिम्मेदार थीं और उन्होंने समय पर कारगर कार्रवाई भी नहीं की। इसके अलावा वो गर्भपात, नस्ल, शरणार्थी और समलैंगिकता को लेकर भड़काऊ बयान दे चुके हैं।  

 

 

Ashish panwar

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