बोफोर्स मामले में कांग्रेस को राहत, SC ने खारिज की CBI की या​चिका

Friday, Nov 02, 2018 - 06:38 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने बोफोर्स तोप रिश्वतकांड मामले में सीबीआई की याचिका को खारिज कर दिया है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपील दायर करने में 13 साल का विलंब माफ करने का जांच ब्यूरो का अनुरोध अस्वीकार कर दिया। 

पीठ ने कहा कि वह अपील दायर करने में 4500 दिन से अधिक के विलंब के बारे में जांच ब्यूरो द्वारा बताये गए कारणों से संतुष्ट नहीं है। जांच ब्यूरो ने इस साल दो फरवरी को अपील दायर की थी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने कहा कि जांच ब्यूरो पहले से ही लंबित अधिवक्ता अजय अग्रवाल की अपील पर सुनवाई के दौरान ये सारे बिंदु उठा सकता है। अग्रवाल ने भी उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती दे रखी है।
 
अजय अग्रवाल ने 2014 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली निर्वाचन क्षेत्र में कांग्रेस की तत्कालीन अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। केंद्र की ओर से अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने शीर्ष अदालत से यह स्पष्ट करने का अनुरोध किया कि जांच ब्यूरो की अपील खारिज होना उसे इस मामले में आगे जांच करने से नहीं रोकता है। उच्च न्यायालय ने 2005 में अपने फैसले में हिन्दुजा बंधुओं-एस पी हिन्दुजा, जी पी हिन्दुजा और पी पी हिन्दुजा तथा अन्य के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण कानून के तहत सारे आरोप निरस्त कर दिए थे।
    
बता दें कि बोफोर्स तोपों की खरीद में दलाली का खुलासा अप्रैल 1987 में स्वीडन रेडियो ने किया था। रेडियो के मुताबिक बोफोर्स कंपनी ने 1437 करोड़ रुपये का सौदा हासिल करने के लिए भारत के बड़े राजनेताओं और सेना के अधिकारियों को रिश्वत दी थी। दरअसल राजीव गांधी सरकार ने मार्च 1986 में स्वीडन की एबी बोफोर्स से 400 तोपें खरीदने का करार किया था। इस खुलासे ने भारतीय राजनीति और राजीव गांधी की पार्टी में उथल-पुथल मचा दी थी। उसके बाद 1989 के लोकसभा चुनाव में ये मुख्य मुद्दा था जिसने राजीव गांधी को सत्ता से बाहर कर दिया और वीपी सिंह राष्ट्रीय मोर्चा सरकार के प्रधानमंत्री बन गए। 

vasudha

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